पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में नही हुआ कोई सुधार, अस्पताल ने दी जानकारी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की हालत में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। धौला कुआं स्थित आर्मी आरआर (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। अस्पताल के अनुसार मुखर्जी पिछले नौ दिन से वेंटिलेटर पर हैं। बता दें कि मस्तिष्क में खून का थक्का जमने की वजह से प्रणब मुखर्जी को पिछले सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनके मस्तिष्क का ऑपरेशन हुआ था। इसी दौरान वह कोरोना संक्रमित भी पाए गए। इसके बाद से उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। 

भारत रत्न से सम्मानित 84 साल के प्रणब मुखर्जी को 10 अगस्त को दोपहर 12:07 बजे गंभीर स्थिति में धौलाकुआं स्थित आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। जांच में पता चला था कि उनके मस्तिष्क में खून का बड़ा थक्का जम गया है। कोरोना जांच कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद प्रणब मुखर्जी ने ट्वीट कर कोरोना होने की सूचना दी थी और कहा था कि एक हफ्ते में उनके संपर्क में आए लोग भी अपनी जांच करा लें और आइसोलेट हो जाएं। उसी दिन डॉक्टरों ने उनके मस्तिष्क से खून के थक्के को हटाने के लिए सर्जरी की थी। इसके बावजूद उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ।

2012 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे

एक प्रभावशाली वक्ता और कई विषयों के विद्वान प्रणब मुखर्जी साल 2012 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे। बता दें कि अप्रैल 2007 में एक कार दुर्घटना में उनके सिर में चोट आई थी। दुर्घटना के बाद उनका इलाज करने वाले पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एक डॉक्टर ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को इसकी जानकारी दी थी। डॉक्टर ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा कि बेहिसाब दर्द के बाद भी वे बेहद शांत थे। स्त्री रोग विशेषज्ञ और कृशनगर के एक नर्सिंग होम चलाने वाले डॉ. बासुदेव मंडल  के अनुसार  7 अप्रैल, 2007 की रात को र्शिदाबाद जिले से कोलकाता लौटते समय नादिया जिले के नकासीपारा के पास प्रणब मुखर्जी की कार को एक ट्रक ने टक्कर मारा दी। इस दौरान उन्हें  सिर में चोट आई। वह उस समय देश के विदेश मंत्री थे।

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