पूरी रामायण नहीं इसका पाठ करने से पूरी होंगी मनोकामना

सुंदरकांडहनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे सरल और सटीक उपाय है कि आप हनुमान चालीसा पढ़े या फिर सुंदरकांड का पाठ करें. अगर आप श्रद्धापूर्वक सुंदरकांड का पाठ करें तो हनुमान जी आपके सारे बिगड़े काम बन जाएंगे और आपके सारे दुःख भी दूर हो जाएंगे. श्री रामचरितमानस के सुंदरकांड में बजरंगबली की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है. इसमें भगवान के शक्ति और विशालकाय रूपों के बारे बताया गया है जिसे पढ़ने के बाद शरीर में उर्जा का संचार होने लगता है. सुंदरकांड पढ़ने से हनुमान जी के साथ भगवान श्री राम का भी आशीर्वाद भी मिलता है.

  • ऐसा माना जाता है कि प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करें से भक्तों की मनोकामना जल्दी पूरी हो जाती है. जहां रामचरितमानस में भगवान श्री राम के गुणों को दर्शाया गया है और उनकी महिमा बताई गई है. वहीं रामचरितमानस के सुंदरकांड के पाठ में भगवान के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्तों के गुणों की बाते बताई गई हैं.
  • सुंदरकांड के पाठ को मुराद पूरा करने वाला भी मन जाता है. जो लोग सुंदरकांड का पाठ करते हैं उन्हें बजरंगबली के बल भी प्राप्त होते हैं. जो लोग इसका पाठ करते हैं उनके आसपास बुरी शक्तियां कभी नहीं भटकती. ऐसा भी कहा जाता है अगर आत्मविश्वास कम होने लगे या जीवन में कोई कम नहीं बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम बनने लगते हैं. क्योंकि सुंदरकांड के पाठ के महत्व को विज्ञान ने भी माना है.
  • सुंदरकांड के पाठ की एक-एक पंक्ति और उसके अर्थ, भक्त को जीवन में कभी हार न मानने की सीख देता है. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार किसी बड़ी परीक्षा में सफल होना हो तो परीक्षा से पहले सुंदरकांड का पाठ अवश्य करना चाहिए. यहां तक कि यह भी कहा जाता है कि जब घर पर रामायण पाठ रखा जाए तो उसका पूर्ण पाठ में सुंदरकांड का पाठ घर के किसी सदस्य को ही करना चाहिए. इससे घर में सकारात्मक शक्तियों का प्रवाह होता है.

 

 

 

 

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