पूरी दुनिया को बदलने के लिए ये सात काम करना चाहता था रावण, अगर सही समय न मारा जाता तो…

नई दिल्ली। इस बात में कोई शक नहीं है कि लंकापति रावण महाज्ञानी था। भले ही उसमें तमाम बुराइयां थीं, लेकिन उसके साहस और पराक्रम को अनदेखा नहीं किया जा सकता।

उसके पतन का प्रमुख कारण अहंकार था । रावण स्वयं को भगवान मान बैठा था और ईश्वर द्वारा बनाए गए संसार के तमाम नियमों में बदलाव लाना चाहता था। मगर उसके बढ़ते उपद्रव को देखते हुए श्रीराम ने उसका वध कर दिया था, लेकिन अगर इस घटना में थोड़ी देर हुई होती तो नजारा कुछ और ही होता। रावण संहिता और शिव पुराण में इस बात का जिक्र किया गया है।

दरअसल रावण मरने से पहले अपने सात अधूरे कामों को पूरा करना चाहता था। उसमें से एक ख्वाहिश थी कि वो स्वर्ग तक सीढ़ी बनाए, जिससे लोग आसानी से वहां तक पहुंच सकें। हालांकि उसका यह ख्वाब अधूरा ही रह गया।

रावण का दूसरा सपना था समुद्र के पानी को मीठा बनाना। रावण को पता था कि पृथ्वी पर पीने के पानी की मात्रा कम है। इसलिए वो समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाकर इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म करना चाहता था।

रावण की एक और चाहत थी वो है सोने को सुगंधित करने की। चूंकि रावण सोने का शौकीन था इसलिए वह चाहता था कि सोने में सुगंध आ जाने से वह उसका पता आसानी से लगा लिया करेगा।

रावण की और इच्छा थी जिसके तहत वो चाहता था कि मदिरा गंधहीन बन जाए। ताकि इसके सेवन की भनक किसी को न लग सके।

रावण को रंगभेद से सख्त नफरत थी और इसलिए वो उसे भी खत्म करना चाहता था। इसके अलावा रावण भगवान की पूजा बंद करवाना चाहता था। क्योंकि वो किसी मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखता था।

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रावण की जो आखिरी ख्वाहिश थी वो है खून का रंग लाल की जगह सफेद बनाना। क्योंकि वो सोचता था कि इससे किसी की हत्या करने पर उसके सबूत का पता नहीं लगाया जा सकेगा।

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