देश के हथियार देश के खिलाफ, आतंकियों की नई चाल

पुलिसकर्मियों से हथियारअनंतनाग। अभी ब्रिक्स सम्मेलन में कई देशों के बीच अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंक को समाप्त करने और उसे पालने वालों के खिलाफ एक्शन लेने की बात की गयी। वहीं दूसरी ओर ये आतंकी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। ख़बरों के मुताबिक़ जम्मू-कश्मीर में पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने का मामला सामने आया है। ये पुलिसकर्मी अनंतगांव में एक टीवी टावर की सुरक्षा कर रहे थे जब इस घटना को अंजाम दिया गया।

पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने का मामला

हथियार छीनने की इस घटना के बाद से ही सुरक्षा बलों ने बड़े स्तर पर आतंकियों के खिलाफ तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, हथियार लूटने की इस घटना में तीन आतंकवादी शामिल थे। दो आतंकी जहां बाहर खड़े होकर आसपास नजर रख रहे थे, वहीं एक आतंकवादी ने बंदूक दिखाकर ड्यूटी पर तैनातपुलिसकर्मियों के हथियार छीन लिए।

घटना रविवार देर रात की है। आतंकियों ने दलवाश गांव में दूरदर्शन के लो पावर ट्रांसमीटर स्टेशन पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपना निशाना बनाया और उनके पास से 5 सर्विस राइफल्स छीनकर ले गए।

पिछले कुछ समय से आतंकवादी पुलिस व सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर उनसे हथियार छीनने की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।

इससे पहले 7 अक्टूबर की रात को भी आतंकवादियों ने शोपियां जिले की एक पुलिस चौकी को निशाना बनाया था। बताया गया कि आतंकियों ने हथियार लूटने के मकसद से ही चौकी पर हमला किया था, लेकिन वे अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सके।

इस घटना में एक जवान भी शहीद हो गया था। 7 अक्टूबर को ही पुलवामा जिले में एक सुरक्षा चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों से आतंकियों ने हथियार छीने और भाग गए।

जुलाई में जब घाटी में बुरहान वानी की मुठभेड़ में हुई मौत का विरोध शुरू हुआ, तब प्रदर्शनकारियों ने भी कई बार पुलिस को निशाना बनाकर उनसे हथियार लूटे थे।

जम्मू-कश्मीर में पुलिस व अर्धसैनिक बलों से हथियार लूटने की घटनाएं सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बन गई हैं।

सुरक्षा बलों के मुताबिक, जुलाई में वानी की मौत के बाद से अबतक घाटी में सुरक्षा एजेंसियों के पास से 100 से भी ज्यादा हथियार लूटे जा चुके हैं। ख़बरों के मुताबिक, लूटे गए हथियारों में AK-47 और SLR की तादाद सबसे ज्यादा है। आंकड़ों पर अगर ध्यान दिया जाए तो जुलाई में लगभग 70 हथियारों की एक साथ लूट की गयी थी।

मामले में सुरक्षाबलों का मानना है कि घटनाओं में चीने गये हथियार घाटी में मौजूद उपद्रवी प्रदर्शनकारियों और सीमापार घुसपैठ करने वाले आतंकियों के पास हैं।

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