‘पुरानी घटनाओं के कारण दिख रही है बैंक धोखाधड़ी में तेजी’

मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि हाल की रपटों में वित्तीय धोखाधड़ी में दिख रही तेजी वास्तव में पुरानी घटनाओं के कारण है।

दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक संपन्न होने के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यहां कहा, ‘‘वित्तीय धोखाधड़ी में तेजी की रिपोर्ट हाल में आयी है। इसके कारण ऐसा मानना कि ये धोखाधड़ी भी हाल में हुई हैं, सही नहीं है। इस रिपोर्ट में धोखाधड़ी की जिन घटनाओं का जिक्र किया गया है, वे घटनाएं कई साल पहले हुई हैं। अत: यह मान लेना अनुचित है कि ये घटनाएं हाल में हुई हैं।’’

उनके डिप्टी एम.के.जैन ने कहा, रिजर्व बैंक खुद भी धोखाधड़ी के बारे में आयी मालेगम समिति की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है और इस बाबत समुचित कदम उठाये जाएंगे।

सूचना के अधिकार के तहत बैंकों की सालाना निरीक्षण रिपोर्ट का खुलासा करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा कि रिजर्व बैंक इस आदेश का अनुपालन करेगा। उच्चतम न्यायालय ने रिजर्व बैंक को बैंकों की सालाना निरीक्षण रिपोर्ट का आरटीआई के तहत खुलासा करने को कहा है।

उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं के लिए धन जुटाने को जारी बांडों में अब खुदरा निवेशकों को भी मंजूरी मिल गयी है और इन बांडों में निवेश में जोखिम बिल्कुल नहीं हैं क्योंकि इनके पीछे सरकारी गारंटी होती है।

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यह पूछे जाने पर कि विकास बांड की ओर विदेशी निवेशकों का आकर्षण क्यों नहीं है तो डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा हो सकता है कि ऐसा अभी बाजार में इन बांडों को तत्काल भुनाने के अवसरों की कमी के कारण है।

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