पिछले छह सालों में आतंकवाद के खिलाफ सीमा पार घुस कर होती है कार्रवाई: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान के आतंकवाद के मॉडल को ध्वस्त किया जा रहा है, इसलिए वह बार-बार सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। दुनिया में पाकिस्‍तान को आतंकवाद की नर्सरी के रूप में उजागर किया गया है। यह वैश्विक मंचों पर पीएम मोदी द्वारा आतंकवाद के खिलाफ बनाई गई राय के कारण है। यही कारण है कि पाकिस्‍तान एफएटीएफ (FATF) के रडार पर है।

उन्‍होंने कहा कि अभी पिछले दिनों ही आप सब ने देखा, सुना और पढ़ा होगा कि सीमा पार से आतंकवादियों की एक और खेप भारत में घुस आयी थी जो इस बार फिर 26/11 को एक बड़ी आतंकवादी घटना को अंजाम देने का मंसूबा लेकर आए थे। हमारे देश की सेना, पुलिस और सुरक्षाबलों ने मिलकर उन सभी आतंकवादियों को अपने मंसूबों को अंजाम देने से पहले ही मौत के घाट उतार कर पाकिस्तान की एक और भारत विरोधी कारवाई को नाकाम कर दिया। जब से भारत आजाद हुआ है भारत विरोधी ताकतों की यह लगातार कोशिश रही है कि या तो सीमाओं पर या सीमाओं के रास्ते घुसपैठ करा कर भारत के भीतर अस्थिरता का माहौल बनाया जा सके।

आतंकवाद के खिलाफ पिछले छह सालों में एक बड़ा बदलाव आया है और वह है उसके खिलाफ भारत के प्रतिक्रिया का। पहले क्या होता था? आतंकी हमले होते थे, सेना एवं सुरक्षा बलों के जवान जवाबी कार्रवाई करते थे। सुबुत इशारा करते थे, कि पाकिस्तान से इन आतंकियों के तार जुड़े हुए है। फि‍र भी कार्रवाई नहीं होती थी। अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी प्रतिक्र‍िया 360 डिग्री पर हो रहा है। अब भारत देश की सीमाओं के भीतर तो एक्‍शन कर ही रहा है साथ ही जरूरत पड़ने पर सीमा पार जाकर भी आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने का काम हमारी सेना के बहादुर जवान कर रहे है।

पाकिस्तान का भारत के खिलाफ आतंकवाद का मॉडल धीरे-धीरे ध्वस्त हो रहा है, और इसकी खिसियाहट उन्हें इतनी अधिक है कि अब वे भारत-पाकिस्तान सीमा पर आए दिन संघर्ष विराम में लगे रहते है। हमने हाल के वर्षों में भारत में मौजूद हर तरह के Terror Infrastructure की ध्‍वस्‍त करने में कामयाबी पायी है। अब अगला कदम आतंकवाद के वित्‍तीय नेटवर्क को ध्‍वस्‍त करने की दिशा में लिया जा रहा है। भारत ने दुनिया में एक कूटनीतिक दबाव बनाया है जिसके चलते पाकिस्तान को आतंकवाद की नर्सरी के रूप में एक्‍सपोज हो चुका है। आतंकवाद के खिलाफ हमारे प्रधानमंत्री ने वैश्विक मंच पर जो जनमत बनाया है, उसका ही परिणाम है कि आये दिन पाकिस्तान के सिर पर FATF की तलवार लटकती नजर आती है।

उन्‍होंने कहा कि यह सच्चाई है कि भारत चीन के बीच सीमा को लेकर एक अवधारणात्मक अंतर है। इसके बावजूद कुछ ऐसे समझौते हैं, प्रोटोकॉल्‍स हैं जिनका पालन करते हुए दोनों देशों की सेनाएं एलएसी के पास पैट्रोलिंग करती है। अब हमारी सरकार ने सेनाओं को यह खुली छूट दे रखी है, कि वे एलएसी पर किसी भी तरह के बदलाव का पूरी ताकत से विरोध करें। गलवान में भारतीय सेना ने यही किया और पूरी बहादुरी से PLA के सैनिकों का मुकाबला करते हुए उन्हें पीछे जाने पर मजबूर किया।

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