पानी की प्यास ने बचाई जवान की जान वरना हो जाता शहीद

देश पुलवामा में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के चालीस जवानों की शहादत के बाद गम और गुस्से में हैं. वहीं असम की रहने वाली सुपर्णा दास और उनके दो बच्चों के लिए 14 फरवरी का दिन खुशी और गम के बीच बीता.

दरअसल, सुपर्णा दास के पति बबलू दास भी उसी काफिले का हिस्सा थे जिसमें CRPF जवान अपने अगले पड़ाव के लिए जा रहे थे. बबलू दास को भी उसी बस में बैठना था जिस पर फिदायीन हमला हुआ था. हालांकि उन्हें एक गिलास पानी ने बचा लिया.

दरअसल, काफिला निकलने से पहले उन्हें प्यास लगी और वह पानी के लिए निकल गए, ऐसे में वह आखिरी बस में आए. जब उनकी पत्नी को इस घटना के बारे में पता चला तो वह बबलू को कॉल करने लगीं लेकिन कोई बात नहीं हुई.

उसी शाम सिपाही बबूल दास ने सुपर्णा से बात की और उन्हें पूरा वाकया बताया. वह अपने साथियों को खोने से गुस्से में थे. सुपर्णा दास अब भी चिंतित हैं और चाहती हैं कि 14 फरवरी को जो हुआ उसका बदला लिया जाए.

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सुपर्णा दास ने कहा- ‘जब हमने इसके बारे में सुना तो हम परेशान हो उठे और जब फोन नहीं उठा तो हम डर गए. जब उन्होंने (बबलू) ने खुद फोन किया तब कहीं हमें राहत मिली लेकिन अब भी हम इस बारे में चिंतित हैं. मुझे बताया कि जो हुआ है उससे वह दुखी हैं. मैं चाहती हूं कि जल्द से जल्द इन सबका भारत बदला ले.’

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