मोदी सरकार ने दिया पाकिस्तान से भारतीयों को घरवापसी का आदेश
दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पाकिस्तान में भारतीय अफसरों के बच्चों की सुरक्षा के प्रति चिंतित है। सरकार ने इन बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर ‘नो स्कूल-गोइंग मिशन’ शुरू किया है। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बिगड़ते रिश्तों को देखते हुए मोदी सरकार ने यह कदम उठाया है।
Indian Govt asks staff members of Indian High Commission in Islamabad to send their school-going children back to India.
— ANI (@ANI) July 25, 2016
पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की सुरक्षा
हालांकि केंद्र सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान के स्कूलों में पढ़ रहे 50 से अधिक भारतीय छात्रों पर असर पड़ेगा। पाकिस्तान में भारत अपने डिप्लोमैटिक मिशन के स्टाफ को कम करना चाहता है।
दरअसल, केन्द्र सरकार के लिए भारतीय उच्चायोग के स्टाफ के बच्चों की सुरक्षा काफी अहम है। लेकिन कश्मीर में बुरहान वानी की मौत के बाद पाकिस्तान में भारतीयों के खिलाफ बिगड़तेे हालात को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
कश्मीर पर पाकिस्तान की बयानबाजी से भी भारत-पाक के रिश्ते तल्ख होते जा रहे हैं। भारत के विदेश मंत्री और गृह मंत्री ने पाकिस्तान को साफ कहा है कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे। लेकिन पाकिस्तान अपनी आदत के मुताबिक बार-बार कश्मीर पर अपनी राय दे रहा है।
साल 2014 में पेशावर स्कूल पर हुए आतंकी हमले को लेकर भी मोदी सरकार चिंतित है। सरकार चाहती है कि भारतीय छात्रों की सुरक्षा में किसी तरह की कोताही न बरती जाए। बता दें कि पेशावर स्कूल हमले में 148 छात्र मारे गए थे। इसी वजह से सरकार ज्यादा चिंतित है।
खबरों के मुताबिक कश्मीर पर पाकिस्तान को सख्त जवाब देने के लिए भारत रणनीतिक तैयारी भी कर रहा है। लेकिन डर है कि पाकिस्तान बदलेे की रणनीति अपनाते हुए भारतीयों को मुश्किल में न डाल दे। इस वजह से भी भारत ने यह फैसला लिया है।