पाकिस्तान में फ्रांसीसियों का रहना हुआ दूभर, मुल्क में फैला तहरीक-ए-लब्बैक का आतंक

फ्रांस के दूतावास ने अपने नागरिकों को तुरंत ही पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी है। दूतावास ने कहा है कि धार्मिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक फ्रांस विरोधी हिंसा को लगातार भड़काने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। हिंसा के बाद ही पाकिस्तान की सरकार ने शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया और मैसेजिंग एप्स पर कई घंटे तक रोक लगा दी थी। यह पाबंदी गृह मंत्री शेख राशिद अहमद के टीएलपी पर देश के आतंकरोधी कानून के तहत कार्रवाई के बाद की गई।

टीएलपी के नेता साद हुसैन रिजवी को भी गिरफ्तार करने के बाद ऐसा किया गया। तहरीक-ए-लब्बैक ईश निंदा के आरोप में मृत्यु दंड का प्रविधान किए जाने के लिए एक बड़ा अभियान भी चला रहा है। पाकिस्तान में ईश निंदा को आपराधिक कानून माना गया है। शार्ली हेब्दो के मामले के बाद से फ्रांस में हिंसा की घटनाओं के बाद से ही टीएलपी ने पाकिस्तान में फ्रांस विरोधी अभियान चला रखा है।

टीएलपी के नेता साद हुसैन रिजवी को भी गिरफ्तार करने के बाद ऐसा किया गया। तहरीक-ए-लब्बैक ईश निंदा के आरोप में मृत्यु दंड का प्रविधान किए जाने के लिए एक बड़ा अभियान भी चला रहा है। पाकिस्तान में ईश निंदा को आपराधिक कानून माना गया है। शार्ली हेब्दो के मामले के बाद से फ्रांस में हिंसा की घटनाओं के बाद से ही टीएलपी ने पाकिस्तान में फ्रांस विरोधी अभियान चला रखा है।

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