मुंबई में टोल प्लाजा पर जाम लगा, यात्री परेशान

मुंबई। यहां के सभी पांचों टोल प्लाजा पर कई किलोमीटर लंबी कतारें लग जाने से शनिवार को लोगों की परेशानी फिर से शुरू हो गई, क्योंकि 2 दिसंबर की मध्यरात्रि से टोल शुल्क की वसूली फिर से शुरू हो चुकी है। यातायात जाम में फंसने के कारण कार्यालय जाने वालों, छात्रों और लंबी दूरी की ट्रेनें या फ्लाईट पकड़ने वालों को काफी देर हुई।

पांचों टोल प्लाजा

कम मूल्य के नोटों की कमी और नकदी रहित टोल वसूली की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण मुंबई में प्रवेश और निकास स्थलों पर स्थित सभी पांचों टोल प्लाजा पर छोटे, बड़े और व्यावसायिक वाहनों की टेढ़ी-मेढ़ी कतारें देखी गईं।

अधिकांश टोल प्लाजा ने 2000 रुपये मूल्य के नोट लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि बाकी रकम वापस देने के लिए उनके पास छोटे मूल्य के नोट नहीं थे। कई यात्रियों ने खुल्ले के बदले कूपन लेने से मना कर दिया।

याद रहे कि 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य कर दिए जाने के बाद से दो हजार रुपये के नोट ही सबसे ज्यादा चलन में हैं।

समस्या तब और बढ़ गई, जब टोल प्लाजा को 500 और 1000 रुपये के नोट न लेने को कहा गया और सरकार ने कहा कि खुल्ले की समस्या पर काबू पाने के लिए कूपन जारी किए जाएंगे।

नियम बदलने से टोल वसूल करने वाले कर्मचारियों और वाहन मालिकों के बीच तीखी बहसें हुईं, जिससे आगे और देर हुई व कतारें और लंबी होती चली गईं। नतीजतन, लोगों की नाराजगी बढ़ी।

सबसे खराब स्थिति वाशी और दहीसार टोल प्लाजा पर देखी गई। इसके अलावा टोल वसूली नाकाओं- मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, मुंबई-अहमदाबाद, मुंबई-आगरा, मुंबई-नागपुर और अन्य टोल प्लाजा पर भी यही स्थिति रही।

कई स्थानीय यात्रियों ने शिकायत की कि जाम के कारण वे कार्यस्थलों पर कई घंटे देर से पहुंचे। कुछ यात्रियों की लंबी दूरी की ट्रेनें या फ्लाइटें छूट गईं, जबकि छात्रों ने कहा कि उन्हें कक्षा में और आंतरिक परीक्षा में शामिल होने में देर हुई।

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