बंगाल उपचुनाव : शुरुआती चार घंटों में एक-तिहाई मतदान

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की दो सीटों और विधानसभा की एक सीट पर उपचुनाव के लिए शनिवार को हो रहे मतदान के शुरुआती चार घंटों में लगभग एक-तिहाई मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने कहा, “कूच बिहार में दोपहर 11 बजे तक मतदान प्रतिशतांक 33.04 फीसदी और तामलुक में 35.41 फीसदी रहा। मोंटेश्वर विधानसभा सीट पर मतदान प्रतिशतांक 32.10 फीसदी रहा।”
अधिकारी ने बताया, “मतदान अभी तक शांतिपूर्ण है।”

 पश्चिम बंगाल में लोकसभामतदान के दौरान सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस सहित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 39 कंपनियां तैनात की गई हैं।
लेकिन इन सभी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान केंद्रों पर उतनी लंबी कतार नहीं है, जितनी कि नकदी निकासी के लिए एटीएम के बाहर कतारें देखी जा रही हैं।
कूच बिहार में एटीएम कतार में खड़े एक शख्स ने कहा, “मेरी एक जेब में एटीएम कार्ड और दूसरी में मतदाता कार्ड है। लेकिन मुझे लगता है कि अब मतदान करने से कहीं अधिक महत्वपूर्ण पैसे निकालना है।”

केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बीच उपचुनाव हो रहे हैं। नोटबंदी के कारण देशभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार रोकने और काले धन पर लगाम लगाने के लिए आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपये के नोट अवैध घोषित कर दिए थे।

मार्क्सहवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं का आरोप है कि तामलुक निर्वाचन क्षेत्र सहित कई स्थानों पर तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उनके पोलिंग एजेंटों की पिटाई कर दी और उन्हें मतदान केंद्रों में जाने से रोका। हालांकि, तृणमूल ने इन आरोपों का खंडन किया है।

राज्य के परिवहन मंत्री सुभेंदु अधिकारी ने बताया, “इस बार तृणमूल के लिए ही मतदान हो रहा है। माकपा जैसे मृत वृक्ष को कौन वोट देगा।”
सुभेंदु के भाई दिब्येंदु अधिकारी तामलुक निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार है।

मोंटेश्वर निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस उनके समर्थकों को वोट डालने से रोकने के लिए डरा-धमका रही है।

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