पद्म विभूषण सम्मान पर बोले शरद पवार, मरते दम तक नहीं करूंगा भाजपा से समझौता

 

नई दिल्ली: एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है, जिसमें कहा जा रहा था कि एनसीपी  और बीजेपी नजदीक आ रहे हैं।

पवार ने कहा कि एनसीपी भगवा पार्टी का कभी समर्थन नहीं करेगी और न ही कभी धर्मनिरपेक्षता पर सांप्रदायिक ताकतों के साथ हाथ मिलाएगी।

गोवा के वास्को में एनसीपी उम्मीदवार के समर्थन में चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुये पवार ने कहा कि ऐसी अफवाह फैलाई जा रही थी कि एनसीपी बीजेपी के करीब आ रही है, यह बिल्कुल झूठ है। एनसीपी कभी बीजेपी का समर्थन नहीं करेगी। और न ही हम कभी धर्मनिरपेक्षता के नाम पर समझौता नहीं करेंगे।

पवार ने कहा एनसीपी कभी सांप्रदायिक ताकतों का साथ नहीं देगी जो लोग सांप्रदायिकता फैला रहे हैं हम उनके  साथ कभी नहीं आएंगे।

केंद्र सरकार ने हाल में ही पद्म सम्मानों का ऐलान किया था जिसमें एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को को पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था ये ताजा विवाद इसी सम्मान के साथ ही शुरू हुआ है

गौरतलब है कि पवार की पार्टी और बीजेपी की राजनैतिक दुश्मनी पुरानी है क्योकिं 2014 के महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पवार की पार्टी एनसीपी पर तीखे हमले किए थे। प्रधानमंत्री ने एनसीपी को ‘नैचुरली करप्‍ट पार्टी’ करार दिया था।

तब शरद पवार ने कहा था कि वह ‘निजी हमले’ कर पीएम के पद की गरिमा का अपमान कर रहे हैं। मोदी ने प्रचार के दौरान कहा था कि एनसीपी एक राष्‍ट्रवादी पार्टी नहीं, बल्कि भ्रष्‍टाचारवादी पार्टी है।

मोदी ने चुनाव के दौरान एनसीपी के चुनाव चिन्ह पर हमला बोलते हुए कहा था कि क्‍या आप जानते हैं एनसीपी के चुनाव चिन्‍ह (घड़ी) का मतलब क्‍या है? घड़ी 10 बजकर 10 मिनट दिखाती है तो बताती है कि 10 सालों में उन्‍होंने अपनी भ्रष्‍टाचारी गतिविधियां 10 गुना बढ़ा ली हैं।”

शरद पवार को पद्म अवार्ड मिलने पर चुटकी लेते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो प्रधानमंत्री को देश के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न देने की सिफारिश तक कर दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि शरद पवार को पद्म विभूषण देने की हिम्मत दिखाने के लिए पीएम मोदी को भारत रत्न मिलना चाहिए।

 

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