पदोन्नति में आरक्षण अवैध : MP हाईकोर्ट

sud_court-pic_56a1d074f1df8एजेंसी/ जबलपुर : एमपी हाईकोर्ट ने विभिन्न शासकीय विभागों में पदोन्नतियों में आरक्षण दिए जाने को सर्वथा अवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने यह व्यवस्था भी दी कि सिर्फ नियुक्तियों में दिया जाने वाला आरक्षण ही वैध माना जाएगा. हाईकोर्ट ने गत दिनों विभिन्न याचिकाओं पर लम्बी सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे शनिवार को सुनाया गया. इस फैसले से पदोन्नति में आरक्षण के इच्छुकों को निराशा मिली है.

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि समाज के वंचित वर्ग को नियमानुसार आरक्षण मिलना तार्किक है, लेकिन पदोन्नतियों में आरक्षण देने से वास्तविक योग्यताओं में कुंठा घर कर जाती है. पदोन्नति प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग को विशेष वरीयता और सामान्य वर्ग को पीछे रखना ठीक नहीं है, इसलिए पदोन्नति में आरक्षण किसी भी कोण से न्यायोचित नहीं कहा जा सकता है.

मुख्य न्यायाधीश अजय मानिक राव खानविलकर की अध्यक्षता वाली युगल पीठ द्वारा दिए गये इस फैसले से राज्य के 50 हजार कर्मचारी प्रभावित हुए हैं. बहस के दौरान यह दलील पूरे जोर लगाकर रखी गई की सरकार ने बिना सांख्यिकीय डाटा तैयार किये पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान कर दिया. इससे कार्मिक जगत में हलचल मच गई है.

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