सिख दंगों में नाम आने से आहत कमलनाथ ने दिया इस्‍तीफा

नई दिल्‍ली। वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सिख दंगों में अपना नाम घसीटे जाने के बाद पार्टी महासचिव व पंजाब प्रभारी पद से इस्‍तीफा दे दिया है। कमलनाथ ने पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्‍तीफा सौंपा।

अपने लिखे पत्र में कमलनाथ ने कहा कि 1984 के सिख दंगों में अपना जबरदस्‍ती नाम खींचे जाने से वे काफी आहत हैं। सोनिया गांधी ने उनका इस्‍तीफा मंजूर कर लिया है। नये पंजाब प्रभारी का नाम एक दो दिन में पार्टी तय कर देगी।

पंजाब प्रभारी पद

अब नही रहना चाहतेे पंजाब प्रभारी पद पर

अपने दो पेज के लिखे पत्र में कमलनाथ ने कहा कि वे 1984 के सिख दंगों में शामिल नहीं थे। उनका नाम किसी भी सिख दंगे में नहीं रहा। 2006 में एडवोकेट एचएस फूलका जो अब आम आदमी पार्टी के नेता हैं, ने मुख्‍तार सिंह नाम के गवाह के बयान को आधार बनाकर कमलनाथ को सिख दंगों में घसीटा था।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि कुछ लोग राजनीतिक हित साधने के लिए उनका नाम सिख दंगों में शामिल कर रहे हैं। एनडीए सरकार में गठित नानावटी कमीशन की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने कहा कि नानावटी कमीशन को मेरे खिलाफ किसी तरह के सबूत नहीं मिले थे। पंजाब चुनाव से पहले इस तरह से राजनीतिक लाभ लेना और दुष्‍प्रचार करना ओछी राजनीति का हिस्‍सा है।

कांग्रेस नेता कमलनाथ को पंजाब प्रभारी बनाये जाने पर पंजाब कांग्रेस में भी विरोध के स्‍वर फूटने लगे थे। दो बार राज्‍यसभा के सदस्‍य रहे मनोहर सिंह गिल ने उनकी नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि कमलनाथ की नियुक्ति सिखों के जख्‍मों पर नमक छिड़कने के जैसा है।

सोनिया गांधी को लिखे पत्र के बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने एआईसीसी महासचिव के रूप में कमलनाथ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सुरजेवाला ने कहा कि कमलनाथ ने एआईसीसी में उन्हें दी गई जिम्मेदारियों से अपना इस्तीफा दे दिया।

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