एक्टर न होता तो किसी होटल में शेफ होता : पंकज त्रिपाठी

पंकज त्रिपाठीलखनऊ : चाहे गैंग्स ऑफ वासेपुर में विलन का किरदार हो, मसान का स्टेशन मास्टर हो या फिर निल बट्टे सन्नाटा का हेडमास्टर। सभी किरदारों को उन्होंने बखूभी निभाया है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं एक्टर पंकज त्रिपाठी की जो इन दिनों अश्वनी अय्यर की फिल्म बरेली की बर्फी की शूटिंग के लिए लखनऊ में मौजूद है.. अपने अब तक के सफर के बारे में और जिंदगी के कुछ खास पहलुओं पर पंकज ने लाइव टुडे से खास बातचीत की—
एक किरदार का ठप्पा नहीं लगाना चाहता
 गैंग्स ऑफ वासेपुर में विलन और उसके बाद गुंडे में भी गुंडे का किरदार। पंकज कहते हैं  कि अपने नाम के साथ ठप्पा नहीं लगाना चाहता था कि यह तो बस विलन के किरदार ही करता है।  तो मैंने कुछ फिल्मों में कॉमिक किरदार निभाया। अब लगातार कॉमिक करूँगा तो यह हो जाएगा कि सिर्फ कॉमेडी कर रहा। तो आने वाली फिल्म बरेली की बर्फी में एक दम अलग किरदार में नजर आऊंगा।
साधारण आदमी पर बनी बायोपिक में करना चाहता हूँ काम
पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि बायोपिक यानी किसी सफल आदमी की जिंदगी पर आधारित फिल्म, ऐसी आदमी की कहानी जिसके बारे में लोग जानना चाहते हैं… वो कहते हैं कि मुझे लगता है साधारण आदमी पर बायोपिक बननी चाहिए क्योंकि उसकी जिंदगी के संघर्ष भी रुपहले पर्दे से कम नहीं होते। तो आम इंसान की बायोपिक बनी तो उसका किरदार निभाना चाहूंगा।

भावुक क्षण था जब पिता हुए सम्मानित

हाल ही में गोपालगंज में ऐसे लोगों को सम्मानित किया जाना था जिन्होंने अपनी फील्ड में कुछ अच्छा काम किया है.. पंकज त्रिपाठी बिहार के गोपालगंज जिले के हैं। वो बताते हैं कि मैं शूटिंग में व्यस्त था और उसी दौरान वहां गोपालगंज जयंती थी जहाँ मुझे सम्मानित किया जाना था। व्यस्तता के कारण मैं नहीं जा पाया, तो मेरे पिताजी वहां पहुंचे और उन्हें सम्मानित किया गया। वो कहते हैं कि मेरे लिए वह भावुक क्षण था और इससे बड़ी बात क्या हो सकती है की आपके काम के लिए आपके पिताजी अवार्ड लें।

रोल पाने में थिएटर का कोई रोल नहीं

पंकज बी टाउन में आने से पहले थिएटर से जुड़े रहे हैं और एनएसडी से भी उन्होंने थिएटर की ट्रेनिंग ली। पर उनका कहना है कि यह सब चीजें रोल पाने में योगदान नहीं देती। ये सब सिर्फ आपके एक्टिंग में सहायक हो सकती हैं। रोल पाने के लिए आपको खुद भटकना पड़ता है। हालाँकि थिएटर से उनका लगाव हमेशा से रहा है पर पिछले एक साल से शूटिंग के कारण उन्हें थिएटर करने का वक़्त नहीं मिल पा रहा, पर जल्द वे और संजय मिश्रा मिलकर थिएटर करेंगे।

बचपन से है कुकिंग का शौक

पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि अगर मैं एक्टर न होता तो किसी होटल में शेफ होता। उन्हें कुकिंग का शौक हमेशा से रहा है और आज भी शूटिंग टाइम से फ्री होकर जैसे ही वह घर पहुंचते हैं, किचन में चले जाते हैं और कुछ नया  बनाते हैं।

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