पाकिस्तानी न्यायिक आयोग करेगा मुंबई हमले में इस्तेमाल नौका की जांच

न्यायिक आयोगकराची| पाकिस्तानी आतंकवाद रोधी अदालत द्वारा गठित एक न्यायिक आयोग भारत के मुंबई में साल 2008 में आतंकवादी हमला करने को लेकर भारत पहुंचने के लिए लश्कर-ए-तैयबा द्वारा इस्तेमाल की गई नौका की जांच के लिए गुरुवार को यहां पहुंचा।

समाचार पत्र डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग में विशेष अभियोजक मिस्बाह-उल-हसन व रक्षा वकील राजा रिजवान अब्बासी शामिल हैं। उम्मीद है कि वे उस गवाह का बयान दर्ज करेंगे, जिसने संभवत: नौका अल-फौज को देखा था। इस नौका को साल 2009 में कराची शिपयार्ड में जब्त किया गया था।

आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने शनिवार को जांच के लिए आयोग को कराची जाने का आदेश दिया था, क्योंकि नौका इतनी बड़ी थी कि उसे न्यायालय तक नहीं लाया जा सकता था।

अल-फौज का इस्तेमाल कथित तौर पर 10 हमलावरों ने हिंद महासागर को पार कर मुंबई पर हमले के लिए किया था। हमले में 166 लोग मारे गए थे।

समाचार पत्र के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि आयोग अगले सप्ताह अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

मुंबई हमले से संबंधित मामले की सुनवाई फिर से शुरू करने के नवाज शरीफ के निर्देश के एक दिन बाद यह रिपोर्ट सामने आई है।

पाकिस्तान द्वारा दुनिया में अलग-थलग पड़ने की बात को स्वीकार करने के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सैन्य नेतृत्व व खुफिया एजेंसियों पर दबाव डाला है। पाकिस्तान पर आरोप लग रहा है कि वह जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर तथा लश्कर-ए-तैयबा के हाफिज सईद सहित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई में विफल रहा तथा आतंकवाद से निपटने में नाकाम रहा है।

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