दोस्त बना जानी दुश्मन, युद्ध लड़ने के लिए पाकिस्तान को बनाएगा बकरा!

नौसैनिक पोतबीजिंग। चीन ने सोमवार को कहा कि उसने ग्वादर पोर्ट और व्यापार मार्गों की हिफाजत के लिए उसने पाकिस्तान को दो नौसैनिक पोत बेचे हैं न कि खैरात में दिये हैं। बता दें कि 46 अरब अमेरिकी डॉलर की लागत से तैयार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के मद्देनजर चीन ने ये कदम उठाया है। इससे साफ़ हो गया है कि चीन आने वाले समय में युद्ध लड़ने के लिए पाकिस्तानी सरजमीं का इस्तेमाल करने से औए पाकिस्तान को बलि का बकरा बनाने से पीछे नहीं हटेगा।

चीन ने बताया कि सीपीईसी के तहत सामान्य सैन्य एवं व्यापारिक सहयोग के लिए पाकिस्तान को दोनों युद्धपोत उसने बेचे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग से ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि ये दोनो युद्धपोत पाकिस्तान को तोहफे में नहीं दिये गये हैं। चुनयिंग के मुताबिक यह डील दोनों देशों के बीच एक सामान्य सैन्य व्यापारिक सहयोग है और दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। उन्होने बताया कि ये पोत पाकिस्तान को सैन्य समझौते के तहत बेचे गये हैं न कि दान में दिये गये हैं।

बता दें कि चीन ने ग्वादर बंदरगाह सीपेक के समुद्री मार्ग की साझा सुरक्षा के लिए बीती 15 जनवरी को पाकिस्तानी नौसेना को दो पोत सौंपे थे। 46 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपेक) के तहत आने वाले व्यापारिक मार्गों की सुरक्षा के लिए पाकिस्‍तान को दो पोत सौंपे थे। हिंगोल’ और ‘बासोल’ नामक दो पोत पाकिस्तानी नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी वायस एडमिरल आरिफुल्ला हुसैनी के सुपुर्द किए गए थे। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पड़ने वाले ग्वादर बंदरगाह को सीपेक के तहत विकसित किया जा रहा है जो पश्चिमी चीन को वाया पाकिस्तान पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप से जोड़ने का काम करेगा।

 

LIVE TV