इन पांच देशों ने भी नोट पर लगाया बैन, उड़ गया सरकार का चैन

नोट पर बैननई दिल्ली। 8 नवंबर की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट पर बैन के ऐलान के बाद से देश भर में अफरातफरी मच गई। इस फैसले के आते ही 86 फीसदी नोट एक साथ अमान्य हो गये।

क्या आप जानते हैं कि भारत से पहले भी कई अन्य देशों में बड़े नोट पर बैन लगाया गया था, जहां विमुद्रीकरण के चलते न सिर्फ देश बल्कि सरकार को भी हुआ था बड़ा नुकसान था।

आइए हम आपको बताते हैं उन 5 देशों के बारे में, जहां विमुद्रीकरण विफल हो गया था और सरकार को मांफी तक मांगनी पड़ी थी।

उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया की किम जोंग-2 की सरकार ने 2010 में बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। कालेधन से निपटने के लिए यह फैसला लिया था। जिसके बाद देश पर खाद्यान का संकट मंडराने लगा था। जिसके बाद किम जोंग को देश से मांफी मांगनी पड़ी थी।

सोवियत यूनियन  

सन 1991 में काले धन से निपटने के लिए मिखैल गोर्बाचेव ने बड़े नोटों पर बैन लगा दिया था। सरकार ने कहा था कि 50-100 के रबल नोट को प्रतिबंधित किया जा रहा है। लेकिन इस फैसले के चलते मंदी ने पूरे देश को तोड़ दिया था।

जायर

1990 में बैंक नोट में सुधार के लिए जायर के तानाशाह मोबूतू सेसे सीको ने बड़े नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद 1993 में महंगाई दर काफी बढ़ गई थी, यही नहीं मुद्रा का एक्सचेंज रेट डॉलर की तुलना में काफी गिर गया था। 1997 में सिविल वार के बाद मोबूतू सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

म्यांमार

1982 में घाना में 50 सेडी के नोट पर बैन का फैसला लिया गया था। इस फैसले के बाद ग्रामीणों को रुपए को बदलने के लिए मीलों तक चलना पड़ता था। जब तक ग्रामीण बैंक पहुंचते उनके नोटों के बंडल बेकार हो चुके थे।

नाइजीरिया

भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए मुहम्मदू बुहारी की सैन्य सरकार ने 1984 में नए बैंक नोट जारी किए थे। इसके चलते देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई। हालांकि बुहारी उस वक्त सरकार से बाहर हो गए थे।

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