नोटबंदी से ‘भगवान’ भी परेशान, शादी पर लगा ग्रहण

नोटबंदी से भगवानरतलाम| नोटबंदी से हुई नकदी की कमी के कारण केवल इंसान का ही नहीं, बल्कि भगवान का भी विवाह समारोह मुश्किल में पड़ गया है। यह सुनने में कुछ अजीब लग सकता है, मगर यह हकीकत है। यह समस्या मध्य प्रदेश के रतलाम जिले की है, जहां नोटबंदी से भगवान भी परेशान हो गये हैं|

दरअसल यहां, एक दिसंबर को चार भुजानाथ और तुलसी का विवाह होने वाला है और इस आयोजन के लिए मंदिर संचालकों को बैंक से दो लाख रुपये नहीं मिल पा रहे हैं।

नोटबंदी से भगवान भी परेशान

केंद्र सरकार द्वारा 500-1,000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने के बाद सप्ताह में एटीएम से दो बार ढाई-ढाई हजार और चेक से 24 हजार रुपये की निकासी की सुविधा दी गई है, वहीं जिन परिवारों में विवाह समारोह आयोजित होने वाले हैं, उन्हें ढाई लाख रुपये तक की राशि निकालने की सुविधा दी गई है, मगर इसके लिए शर्त है कि वर-वधु को या उनके माता-पिता को बैंक में विवाह के कार्ड दिखाने होंगे।

देश के अन्य हिस्सों की तरह मध्य प्रदेश में भी शादियों में नकदी की कमी की खबरें आ रही हैं, मगर रतलाम जिले के नामली कस्बे से नोटबंदी के कारण भगवान की शादी संकट में पड़ गई है। यहां कुमावत समाज के चार भुजानाथ मंदिर में वर्षो से चली आ रही परंपरा के मुताबिक चार भुजानाथ और तुलसी का विवाह समारोह आयोजित किया जाता है। इस बार एक दिसंबर को यह विवाह समारोह होना प्रस्तावित है। इस आयोजन के लिए दो लाख रुपये की जरूरत है। मंदिर के बैंक खाते में काफी रकम है, लेकिन आयोजकों को रकम निकालने की इजाजत नहीं मिल रही है।

कुमावत समाज के राजेश भरावा ने संवाददाताओं को बताया कि बैंक से उन्हें दो लाख रुपये नहीं दिए जा रहे हैं, उन्हें मंदिर के खाते से अधिकतम दो हजार रुपये निकालने को कहा जा रहा है।

समाज के लोगों का कहना है कि वे जब कार्ड लेकर ग्रामीण बैंक रकम निकलने पहुंचे, तब बैंक के अधिकारियों ने उनसे कहा कि चार भुजानाथ के पिता को लेकर आओ, तभी दो लाख रुपये निकाले जा सकेंगे।

कुमावत समाज के अध्यक्ष राधेश्याम लाड़ ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि वैवाहिक समारोह के लिए जरूरी रकम नहीं दिए जाने से लोग आक्रोशित हैं और विरोध दर्ज कराने का फैसला किया है।

रतलाम के जिलाधिकारी बी. चंद्रशेखर ने रविवार को आईएएनएस से कहा, “यह बात सही है कि नामली के एक मंदिर में चार भुजानाथ व तुलसी का विवाह समारोह आयोजित हो रहा है, जिसके लिए आयोजकों द्वारा बैंक के खाते से दो लाख रुपये निकालने की मांग की गई, मगर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का ऐसा कोई निर्देश नहीं है जिसके तहत ढाई लाख रुपये की रकम उन्हें विवाह समारोह के लिए दी जा सकती है।”

इस समारोह में रतलाम के अलावा मंदसौर, नीमच, झाबुआ, इंदौर, बड़वानी आदि स्थानों से बड़ी संख्या में लोग हिस्सा लेने आते है। बैंक से रकम न मिलने पर अब समाज के लोग निजी स्तर पर राशि का इंतजाम कर रहे हैं।

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