नोटबंदी के कारण यूपी में शराब की बिक्री 40 फीसदी घटी, आरबीआई से मिलेंगे कारोबारी

नोटबंदीलखनऊ। मोदी सरकार के हजार और पांच सौ रुपये के नोटबंदी के फैसले का असर शराब कारोबार पर भी पड़ा है। बीते 6 दिनों में दुकानों से ग्राहकों के नदारद होने से शराब की बिक्री 40 फीसदी घट गई है।

अब शराब कारोबारियों को कारोबार के चौपट होने का डर सताने लगा है। इन सबको देखते हुए शराब कारोबारी आरबीआई अधिकारियों से मिलकर शराब की दुकानों पर 30 दिसंबर तक 500 और 1000 रुपये के नोट स्वीकार किए जाने का आदेश देने की गुजारिश करेंगे।

लखनऊ शराब एसोसिएशन के महामंत्री कन्हैया लाल मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के 500 और 100 रुपये के नोटबंदी के बाद से पूरे उत्तर प्रदेश में शराब का कारोबार चौपट हो गया है। ग्राहकों के गायब होने से सूबे की हजारों दुकानों में सन्नाटा पसरा है।

उन्होंने बताया कि जिसके चलते पिछले 6 दिनों में शराब की बिक्री करीब 40 प्रतिशित तक गिर गई है।

मौर्य ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी खराब है। देसी शराब की बिक्री भी प्रभावित हुई है। उधर थोक विक्रंता लाइसेंसियों से 500 और 1000 के नोट स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण माल खरीदने में भी दिक्कतें हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि इन समस्याओं से बचने के लिए शराब कारोबारी अपनी दुकानों पर क्रेडिट कार्ड स्वैपिंग मशीन लगाने की योजना बना रहा है, ताकि कारोबार को दिक्कतों से उबारा जा सके।

एसोसिएशन के महामंत्री मौर्य ने बताया कि संगठन ने तय किया है कि पदाधिकारी जल्द ही आरबीआई के अधिकारियों से मिलेंगे और उनसे शराब की दुकानों पर 30 दिसंबर तक 500 आर 1000 रुपये के नोट स्वीकार किए जाने का आदेश पारित करने की गुजारिश करेंगे।

LIVE TV