नैनीताल ज़ू की तरफ बढ़ रहा लोगों का रूझान, पर्यटकों को कर रहा आकर्षित !…

रिपोर्ट – कान्ता पाल

उत्तराखंड : नैनीताल पर्यटन को लेकर केवल देशभर में ही नही बल्की विश्व भर में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है | ऐसे में यहां के पर्यटक स्थल साल भर पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं | जिस कारण नैनीताल और उसके आस-पास के क्षेत्रों में साल भर ही पर्यटकों का आना-जाना लगातार जारी है |

उच्च श्रेणी प्राणी उद्यान होने के चलते नैनीताल ज़ू में कई ऐसे प्राणी हैं जो तराई क्षेत्रों के प्राणी उद्यानों में नहीं रखे जा सकते हैं | इन वन्य जीवों को देखने के लिए लोगों में उत्सुकता बढ़ जाती है |

यही कारण है कि आने वाले पर्यटकों की नैनीताल जू पहली पसंद बनता जा रहा है | यूं तो नैनीताल और उसके आस-पास दर्जनों पर्यटक स्थल हैं |

नैनीताल शहर की पूर्वी पहाड़ी पर बने इस उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान(जू) में ठंडे क्षेत्रों में रहने वाले वन्य जीवों को रखना मुफीद माना जाता है | यहां साइबीरियन टाइगर, स्नो लैपर्ड, रेड पांडा, मारखोर(पाकिस्तान का राष्ट्रीय पशु), ब्लू शीप, थार, फीजेंट, बाघ, गुलदार, लंगूर, काला हिमालयन भालू आदि ऐसे वन्यजीव हैं | जो केवल ठण्डे क्षेत्रों में पाए जाते हैं |

 

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नैनीताल के चिड़ियाघर की तरफ बढ़ते पर्यटकों के चलते हर साल चिड़ियाघर के राजस्व में बढ़ोत्तरी हो रही है | अगर साल दर साल की बात करें तो चिड़ियाघर उप प्रभागीय वनाधिकारी दिनकर तिवारी ने बताया है कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण से अब तक कुल 32,52,833 देशी विदेशी पर्यटकों ने उच्च स्थलीय प्राणी उद्यान का भ्रमण किया है |

विभाग को इससे कुल 5,83,64,200 रुपया प्राप्त हुआ | साल दर साल नैनीताल में आने वाले पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है और जिससे नैनीताल चिड़ियाघर प्रबंधन का राजस्व भी बढ़ा है |

 

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