नेपाल की ओली सरकार संकट में

nकाठमांडू। नेपाल में प्रधानमंत्री खड़ग प्रसाद शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सात महीने पुरानी सरकार संकट में घिर गई है। ओली जिस गठबंधन के बहुमत के दम पर प्रधानमंत्री हैं उसमें अचानक से भारी उलटफेर की स्थिति आ गई है। ओली को प्रधानमंत्री पद छोड़ने का नोटिस मिल गया है। एक नया गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सामने आया है। पुष्प कमल दहल प्रचंड की यूनिफाइड कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी) इस गठबंधन में दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है।
प्रचंड ने प्रधानमंत्री ओली से मुलाकात की और उनसे अपने नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने को कहा। नेपाली कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी है और हाउस में वह सबसे बड़ा दल है। प्रचंड ने कहा कि नेपाली कांग्रेस ने उन्हें समर्थन देने को कहा है। इस सरकार में प्रचंड की पार्टी यूसीपीएन (एम) और ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्कसिस्ट लेननिस्ट (सीपीएम-यूएमएल) के बीच दरार चौड़ी हो गई है। इस गतिरोध का असर संसद में भी साफ दिख रहा है। संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण का इंतजार किया जा रहा है ताकि सरकार के प्रोग्राम, नीति और बजट को अगले 72 घंटे में पेश किया जा सके। इस नए राजनीतिक गतिरोध के बीच ओली ने संवैधानिक विशेषज्ञों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। उन्होंने इस मसले पर देश की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से भी मुलाकात की। हालांकि संविधान में हाउस को भंग कर फ्रेश चुनाव कराने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसा अगले साल मई महीने के पहले ही संभव हो सकता है। ओली को जितने लोगों का समर्थन सरकार चलाने के लिए चाहिए उसे लगातार वह खोते जा रहे हैं। (हिफी)

LIVE TV