निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों को दिखाया आईना, कहा- सुधार जाओ

निर्वाचन आयोग सख्त हैदेहरादून। विधानसभा चुनाव में आचार संहिता को लेकर निर्वाचन आयोग सख्त है।जहां एक तरफ जीत के लिए राजनैतिक दल किसी भी स्थिति तक जाने को तैयार हैं। चाहे मामला प्रलोभन देकर लोगों अपनी तरफ मोड़ने का हो या फिर दूसरे पर कीचड़ उछालकर लोगों को प्रभावित करने का हो। वहीँ निर्वाचन आयोग ऐसे मामलों में सख्त रुख अख्तियार किए है। भाजपा और कांग्रेस के ऐसे ही प्रयासों को आयोग ने अनुमति देने से इन्कार कर दिया। कांग्रेस ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से बेरोजगार भत्ता कार्ड वितरण की अनुमति मांगी थी। आयोग ने इसे आचार संहिता के विरुद्ध मानते हुए खारिज कर दिया।

निर्वाचन आयोग सख्त, आचार संहिता का नहीं करने दिया उलंघन

गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने राज्य के शिक्षित बेरोजगारों के लिए बेरोजगारी भत्ता लागू किया था। अब कांग्रेस की मंशा इसे चुनावी फायदे के लिए कैश कराने की थी। इसी के लिए राज्य बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता कार्ड मुहैया कराए जाने थे। आयोग का मानना है कि कोई भी प्रत्याशी या राजनीतिक दल बेरोजगारी भत्ते को उपलब्धि या घोषणा के रूप में तो घोषणापत्र में शामिल कर सकता है, लेकिन कार्ड बांटना आचार संहिता के विरुद्ध परंपरा होगी। इसलिए इसकी अनुमति प्रदान नहीं की गई।

उधर, भारतीय जनता पार्टी ने वीडियो विज्ञापन को अनुमति के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को भेजा था। इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री के स्टिंग के कुछ दृश्य शामिल किए गए थे। इसे भी आयोग ने खारिज कर दिया है। दरअसल, मुख्यमंत्री के स्टिंग का मामला अभी अदालत में है और जांच चल रही है। इसलिए आयोग ने इसे विज्ञापन से हटाने के बाद अनुमति दिए जाने की बात कही।

भाजपा इस विज्ञापन के माध्यम से सरकार के अल्पमत में आने के बाद शुरू हुई हॉर्स ट्रेडिंग के मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर कांग्रेस को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की रणनीति बना रही थी, लेकिन आयोग ने मामला न्यायालय में होने की बिना पर इस विज्ञापन को अनुमति नहीं दी।

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