फिर सामने आया पुलिस का अमानवीय चेहरा, नाबालिग रेप पीड़िता के साथ थाने में किया…

रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी

नाबालिग रेप पीड़ितबलरामपुर। एक बार फिर पुलिस का अमानवीय चेहरा बलरामपुर में सामने आया। यहां एक नाबालिग के साथ रेप की घटना को न केवल मखौल बनाया गया बल्कि पुलिस ने उसे दर्ज करने की जेहमत तक नहीं की। इतना ही नहीं थानेदार ने नाबालिग रेप पीड़ित की शिकायत लिखने से मना कर दिया और उसे तीन दिनों तक लॉकअप में बंदी बनाकर सुलह करने का दबाव बनाता रहा।

पीड़िता बलरामपुर ग्राम सरायखास मुण्डाडीह की रहने वाली है। आरोपी का नाम रामचन्द्र बताया जा रहा है, जो पीड़िता के परिवार से भलीभांति परिचित था।

पीडित के पिता ने बताया कि 18 जून को उनका पूरा परिवार खेत में था। नाबालिग को घर में अकेला देख रामचंद्र उसे जबरदस्ती उठा ले गया और कई बार रेप किया।

रामचन्द्र की पत्नी जब घर पहुंची तो पाति की करतूत देख स्तब्ध रह गई। उसने पीड़िता को छुड़ाया। घर पहुंचकर पीड़िता ने पूरी बात अपने परिजनों को बताई।

पूरी घटना जानने के बाद नाबालिग बेटी को लेकर उसका पिता मामले की शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंच गया। लेकिन वहां पुलिस का जो रवैया सामने आया उसे देख दोनों हैरान रह गए।

पुलिस ने न ही पीड़िता का मेडिकल चेकअप कराया और न हीं आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई की। बल्कि उलटे पीड़िता को तीन दिनों तक लाकप में बंद रखा गया। उस दौरान पुलिस उसपर लगातार आरोपी से सुलह करने का दबाव बनाती रही।

चौथे दिन एसपी अभिषेक सिंह के आदेश पर मुकदमा पंजीकृत हुआ और उसे मेडिकल के लिए भेजा गया।

पीडित के पिता ने आरोप लगाया है कि आरोपी रामचन्द्र उसके पिता भागीरथ तथा चाचा राधेश्याम दबंग व हिस्ट्रीसीटर हैं।

वो लगातार उनके परिवार पे सुलह समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। इतना ही नहीं सुलह न करने पर जान से मारने की धमकी भी दी है। पुलिस भी उनके दबाव मे कार्य कर रही है।

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