नागरिकता कानून के विरोध में आग लगाती हिंसा , बाजार को 1200 करोड़ का हुआ घाटा…

भारत सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद पूरे देश में जैसे हिंसा बढ़ती ही जा रही हैं। वहीं देखा जाए तो पहले तो इसका विरोध दिल्ली में ही देखा गया लेकिन अब इसका विरोध पूरे देश में देखा जा रहा हैं।
लेकिन हिंसा के कारण शहर में इन्टरनेट की सारी सुविधा भी बंद कर दी हैं। देखा जाए तो कानपुर शहर में दो दिन की हिंसां और ख़राब माहौल के कारण शहर के थोक फुटकर बाजार को 1200 करोड़ रूपये का घटा हुआ हैं।
खबरों की माने तो हिंसा के चलते व्यापार ठप पड़ा है। शहर के अलावा बाहर के जिलों से आने वाला व्यापारी इन थोक व फुटकर बाजारों से नदारद है। गर्म कपड़ों और सहालग के बाजार को भी बड़ा झटका लगा है। जल्द अमन बहाल न होने से व्यापारियों को अब बड़े पैमाने पर माल डंप होने की चिंता है। क्रिसमस पर्व के बाजार को भी खासा नुकसान पहुंचा है।
वहीं मुस्लिम समाज में शादियों का दौर चलने से सराफा भी खुद को संकट में देख रहे हैं। जबकि यह समय इस धंधे के लिए बहुत खास माना जाता है। शहर के मुस्लिम बहुल इलाकों में दो दिन की हिंसा ने हर तरह के बाजार को आशंकित कर दिया है। व्यापारियों का कहना है कि अगर हालात जल्द सामान्य नहीं हुए तो उन्हें बड़ा नुकसान होगा।

दरअसल इंटरनेट न चलने से ऑर्डर नहीं मिल पा रहे हैं। और बड़ा नुकसान हो रहा है। पीरोड वनखंडेश्वर मंदिर के पास मोबाइल रिचार्ज के दुकानदार धीरज शुक्ला ने बताया कि तीन दिन में यह धंधा बेपटरी हो गया है। दुकानों पर सन्नाटा है। उधर, देसी और विदेशी कंपनियों के सामानों की डिलीवरी भी नहीं हो पा रही है। ऑनलाइन कंपनियों के डिपो में सामान डंप पड़े हैं। इससे इन कंपनियाें को भी तगड़ी चपत लगी है।

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