नहीं रहे महात्मा गांधी के पक्के अनुयायी पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा

पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा (94 वर्षीय) का शुक्रवार दोपहर 12 बजे निधन हो गया। वह ऋषिकेश के एम्स में भर्ती थे। सुंदर लाल बहुगुणा कोविड से संक्रमित थे। सुंदलाल बहुगुणा को कोविड निमोनिया हुआ था। वहीं सिपेप मशीन सपोर्ट पर उनका ऑक्सीजन सेचूरेशन लेवल 86 फीसदी पर आ गया था। एम्स में चिकित्सक उनके ब्लड शुगर लेवल और ऑक्सीजन लेवल को मेंटेन करने में जुटे थे। वह डायबिटीज के मरीज थे। 

बता दें कि थोड़ी देर पहले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फोन पर उनकी तबीयत की जानकारी ली थी। कोरोना संक्रमित होने के बाद 8 मई को सुंदर लाल बहुगुणा एम्स ऋषिकेश में भर्ती हुए थे। गुरुवार को डॉक्टरों की टीम ने इलेक्ट्रोलाइट्स और लीवर फंक्शन टेस्ट समेत ब्लड शुगर की जांच और निगरानी की सलाह दी थी।

आपको बता दें कि हिमालय के रक्षक सुंदरलाल बहुगुणा की सबसे बड़ी उपलब्धि चिपको आंदोलन थी। वह गांधी के पक्के अनुयायी थे और जीवन का एकमात्र लक्ष्य पर्यावरण की सुरक्षा था। उनका जन्म 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड के टिहरी में हुआ था। सुंदरलाल ने 13 वर्ष की उम्र में राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1956 में शादी होने के बाद राजनीतिक जीवन से उन्होंने संन्यास ले लिया।

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