नरवणे ने किया ऐलान पूर्व से हटाएंगे सेना, अभियान नहीं युद्ध पर होगा ध्यान

स्थिति में सुधार होने के बाद भारतीय सेना ने पर्वोतर से सैनिकों के हटाने का फैसला कर लिया है। इसी बीच सेना प्रमुख का एक बयान सामने आया है जिसमें यह बात कही गई कि पूर्व से पहले ही दो बटालियनों को पहले ही हटाया जा चुका है।

नरवणे

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अभियान चलाने का कोई मतलब नहीं अब सिर्फ युद्ध ही एकमात्र उपाय है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के बाद से हालात कुछ सुधरे हैं औऱ हम वहां पर अपने कुछ सैनिक कम करेंगे।

असम के खतरनाक उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार गुटों के 1550 विद्रोही 150 हथियारों के साथ 30 जनवरी को आत्मसमर्पण करेंगे। सरकार हथियार डालने वाले विद्रोहियों के पुनर्वास और क्षेत्र के विकास के लिए 1500 करोड़ का आर्थिक पैकेज देगी।

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एबीएसयू औऱ यूबीपीओ के नेताओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। केंद्र के साथ-साथ असम के प्रमुख सचिव ने भी हस्ताक्षर किए। 1972 से अलग एक और अभियान चलाया जा रहा है।

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