नगर निगम की हालत है खराब, कैसे होगा शहर का इलाज
लखनऊ। नगर निगम के अफसरों ने बैठक कर शहर की सफाई का तो खाका खींच दिया, लेकिन हकीकत में नगर निगम मुख्यालय परिसर खुद ही गंदा है। कर्मचारियों ने दीवारों को पान की पीक से रंग दिया है तो सीवर रास्ते में बह रहा है। आने जाने के लिए गंदगी से होकर ही गुजरना पड़ता है तो यही हाल यहां के शौचालयों का भी है, जो हमेशा गंदा रहता है। रिकार्ड रूम में तमाम दुर्बल अभिलेख हैं, लेकिन वहां की गंदगी खुद ही नगर निगम की हकीकत को बयां कर रही है। ऊपरी मंजिल पर बने रिकार्ड रूम में अफसरों ने जाने की जहमत भी नहीं समझी है, लिहाजा उसका कोई पुरसाहाल नहीं है।
मीराबाई मार्ग स्थित वाणिज्य कर विभाग में नीचे से ऊपर तक कई जगहों पर गंदगी नजर आई। यहां पर कमरों के अंदर फाइलों के बीच तक में गंदगी जमी हुई है। प्रथम तल में कमरों के बाहर रखी अलमारियों में फाइलों में पान की पीकें साफ साफ नजर आती हैं। टूटा फर्नीचर भी पूरे मुख्यालय की शोभा बढ़ा रहा है। अधिकारियों के कमरों तक में फाइलें अस्त व्यस्त तरीके से पड़ी नजर आती हैं।
गांधी जयंती के अवसर पर दो वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान के बाद राजधानी के सरकारी विभागों में बड़े जोरशोर से साफ सफाई की गई। दो साल बीत जाने के बाद और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा सभी अधिकारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाने के बाद एक बार फिर विभागों में साफ सफाई दिखाई देने लगी। इसके बावजूद तमाम विभागों में अभी भी सूरत नहीं बदली और गंदगी नजर आई। नगर निगम के कार्यालय में रखी अलमारी के पीछे पड़े पान मसाले के दाग और भरा पड़ा कूड़ा, दीवार के कोनों पर पड़े पान मसाले के दागजवाहर भवन में दरवाजे पर पड़े पान मसाले के छीटे सफाई की हालत को बयां कर रहे हैं।