…तो अब मेजर ध्यानचंद को भी मिल सकता है भारत रत्न!

ध्‍यानचंद को भारत रत्‍ननई दिल्ली। राज्यसभा के कई सदस्यों ने हॉकी के महान खिलाड़ी ध्‍यानचंद को भारत रत्‍न देने की मांग की है। इस मुद्दे को समाजवादी पार्टी के चंद्रपाल सिंह यादव ने गुरूवार के दिन शून्यकाल के दौरान उठाया था। यादव ने कहा कि हॉकी के इस महान जादूगर को अब तक यह सम्मान क्यों नहीं दिया गया। उन्‍होंने कहा कि उनके खेल कौशल से एडोल्फ हिटलर तक प्रभावित था और उन्हें जर्मनी की तरफ से खेलते देखना चाहता था।

ध्‍यानचंद को भारत रत्‍न !

ध्यानचंद ने 1928 से 1936 के बीच भारत के लिए तीन ओलंपिक गोल्ड मेडल जीते थे। उन्होंने 1948 में संन्यास लेने से पहले अपने अंतर्राष्ट्रीय कैरियर में 400 गोल दागे। ध्यानचंद को हाकी का आज तक का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी मानने वालों की संख्या कम नहीं है। यादव ने कहा कि मेजर ध्यानचंद को दुनिया भर में पुरस्कार और सम्मान मिला जिनमें एडोल्फ हिटलर और ब्रिटिश सरकार द्वारा दिए गए सम्मान भी शामिल है। लेकिन, हमारे देश में उन्हें अभी तक उचित सम्मान नहीं मिला है।”

यादव के इस बयान का राज्यसभा के कई सदस्यों ने समर्थन किया। इसके बाद सदन के उप सभापति पी. जे. कुरियन ने कहा कि इसे सदन का पूरा समर्थन प्राप्त है। ध्यानचंद को 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उनका जन्मदिन 20 अगस्त को है जिसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

वहीं इससे पहले क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्‍टर ब्‍लास्‍टर सचिन तेंदुलकर को भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया जा चुका है। हालांकि भारत रत्‍न पुरस्‍कार खेल के क्षेत्र में नहीं दिया जाता था लेकिन सचिन को भारत रत्‍न देने की मांग के बाद से ही इसे इस क्षेत्र में भी दिया जाने लगा है। अगर ध्‍यानचंद को भारत रत्‍न पुरस्‍कार दिया जाता है तो वह सचिन तेंदुलकर के बाद खेल के क्षेत्र में भारत रत्‍न पाने वाले दूसरे खिलाड़ी होंगे।

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