भाजपा सरकार ने लिया धर्म विरोधी फैसला, ऑफिसों से खत्म होगा देवी-देवताओं का अस्तित्व

 

धर्ममुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने सभी सरकारी दफ्तरों में किसी भी तरह के धार्मिक रीति-रिवाजों पर बैन लगाने का फैसला लिया है। अब से सरकारी दफ्तरों में किसी भी तरह की धार्मिक पूजा आदि पर रोक होगी। साथ ही, दफ्तरों में धार्मिक तस्वीरें या चिह्न आदि भी नहीं लगाए जा सकेंगे।

इसके बावत सरकार जल्द ही एक सर्कुलर जारी करेगी। पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय ने इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश दे दिए हैं। कुछ कर्मचारी धार्मिक स्लोगन आदि लिखते हैं। कुल लोग दफ्तरों में ही नमाज भी अदा करते हैं। अब सरकारी दफ्तरों में इस तरह की किसी भी धार्मिक गतिविधि पर प्रतिबंध होगा।

कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस संबंध में लिखित अपील सौंपी थी। इस अपील में कहा गया था कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और इसलिए सरकारी दफ्तरों में होने वाली धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाई जानी चाहिए।

याचिका देने वालों ने यह स्पष्ट किया है कि वे किसी धर्म के खिलाफ नहीं है। उनका कहना है कि वे मानते हैं कि किसी भी व्यक्ति को सरकारी दफ्तर में अपनी धार्मिक भावनाओं को उजागर करने से बचना चाहिए।

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