धर्मराज के जज्बे के आगे गच्चा खा गई उम्र
पटना। जिस उम्र में आमतौर पर खिलाड़ी संन्यास ले लेते हैं उस उम्र में पटना पाइरेट्स टीम के कप्तान धर्मराज चेरालथन युवाओं सा जोश दिखा रहे हैं। धर्मराज की उम्र 41 साल है, लेकिन कबड्डी के कोर्ट पर वह अपने किसी युवा साथी से कम फुर्तीले और जोश से सराबोर नजर नहीं आते।
धर्मराज की खास बात
कप्तान और अनुभव में सबसे आगे होने के कारण धर्मराज राइट व लेफ्ट डिफेंडर के तौर पर खेलते हैं और उन्होंने हमेशा अपने युवा साथियों के लिए प्रेरणा बनने का प्रयास किया है। इस प्रयास में वह लगभग हर बार सफल भी हुए हैं। यही कारण है कि उनकी टीम एक बेहतरीन मिश्रण और संयोजन के साथ स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग सीजन में बहुत अच्छा कर रही है।
धर्मराज तमिलनाडु के तंजावुर जिले से हैं और रेलवे में क्लर्क की नौकरी करते हैं। मधुर और सौम्य स्वभाव के धर्मराज के पास कबड्डी का 20 साल का अनुभव है और ऐसा कभी नहीं हुआ, जब उन्होंने कोर्ट पर अपने युवा साथियों से दोयम खेल दिखाया हो। वह हर बार ‘लीडिंग फ्राम द फ्रंट’ का बेहतरीन उदाहरण बने रहे।
धर्मराज पर नहीं दिखता उम्र का असर
उनका कहना है कि कबड्डी मेरे रग-रग में है। मेरा और इसका नाता कभी नहीं टूटा। मेरे पास 20 साल का अनुभव है। मैं इस खेल के हर पल का लुत्फ लेता हूं और जब तक संभव हो सके, खेलते रहना चाहता हूं। अब तक तो इस क्रम में उम्र आड़े नहीं आई लेकिन आगे क्या होगा, कह नहीं सकता। उनके अनुसार गांव में उनके सभी साथी कबड्डी खेला करते थे। यहीं से उन्हेंं इस खेल से प्यार हो गया। इसके बाद नेशनल खेले और फिर रेलवे में 21 साल की उम्र में नौकरी शुरू की। रेलवे में बने रहने के कारण कबड्डी से लगातार नाता बना रहा।