न ट्रेन, न बस और न ही हेलीकॉप्टर… यहां से दिखेगा पूरा विदेश    

धनुषकोटिलोगों को घूमने का शौक होता है. अक्सर पैसों की कमी के कारण वह देश के बाहर नहीं जा सकते हैं. लेकिन एक ऐसी जगह है, जहां आप बिना किसी वीजा और ज्यादा पैसे खर्च किए बगैर ही उस खूबसूरत जगह का मजा ले सकते हैं. अगर आप भी श्री लंका को देखना चाहते हैं तो देश के एक गांव धनुषकोटि जाकर अपनी इच्छा पूरी कर सकते हैं. यहां से 18 किमी की दूरी पर श्री लंका बसा हुआ है.

यह गांव तमिलनाडु के रामेश्वरम जिले में स्थित है. यह गांव पूरी तरह विरान है. यह भारत और श्रीलंका के बीच एकमात्र स्थलीय सीमा है. बालू के टीले पर सिर्फ 50 गज की लंबाई में दुनिया के सबसे छोटे स्थानों में से एक है.

धनुषकोटि की कहानी

इस गांव में अंधेरे में जाना मना है. लोग दिन के उजाले में घूमने जाते हैं. शाम तक रामेश्वरम लौट आते हैं, क्योंकि पूरा 15 किमी का रास्ता सुनसान होने के साथ डरावना भी है.

इस जगह से कई धार्मिक और रहस्यमयी कहानियां जुड़ी हुई हैं. लेकिन अब यह टूरिस्ट प्लेस के तौर पर उभर रहा है. इसे लोग भुतहा गांव के नाम से जानते हैं. लोग इसे देखने के लिए आते हैं. यहां पर भारतीय महासागर के गहरे और उथले पानी को बंगाल की खाड़ी के छिछले और शांत पानी से मिलते हुए देख सकते हैं. यहां समुद छिछला है. टूरिस्ट बंगाल की खाड़ी में जाकर रंगीन मूंगों, मछलियों, समुद्री शैवाल, स्टार मछलियों और समुद्र ककड़ी आदि का नजारा देखा जा सकता है.

इस गांव से जुड़ी कई किस्से-कहानियां भी हैं. यहां रावण के भाई विभीषण के अनुरोध पर राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु को तोड़ दिया था. इसी वजह से इस जगह का नाम धनुषकोटि पड़ गया. यह भी कहा जाता है कि राम ने अपने प्रसिद्ध धनुष के एक छोर से सेतु के लिए इस स्थान को चिह्नित किया था.

 

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