जज़्बा : हाथ नहीं फिर भी दे रहा इंटर की परिक्षा, हाईस्कूल पास किया फर्स्ट डिवीज़न

दोनों हाथ न होने के बावजूदएटा। कहते हैं खुदी को कर बुलंद इतना की खुदा पूछे बन्दे से कि बता तेरी रजा क्या है। कहीं न कहीं यह जज्बा एटा के धर्मवीर में देखने को मिलता है। हैरत है कि दोनों हाथ न होने के बावजूद इस छात्र में इतना जज्बा है कि वह मुंह में कलम दबाकर इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहा है। इसी हौसले के साथ उसने 2015 में हाईस्कूल की परिक्षा परम श्रेणी में उत्तीर्ण की।

दोनों हाथ न होने के बावजूद देता है परीक्षा

बदायूं जिले के गांव नगला तोड़ी निवासी लालाराम के बेटे धर्मवीर शर्मा को बचपन से पढ़ने की ललक है।

वह हमेशा क्लास में अव्वल रहा, उसकी तमन्ना है कि वह पढ़ लिखकर परिवार के लिए कुछ बेहतर कर सके।

अचानक वर्ष 2007 में खेत में हाईटेंशन लाइन टूट कर गिरी और धर्मवीर उसकी चपेट में आ गया। हादसे में धर्मवीर ने अपने दोनों हाथ गवां बैठा। लेकिन हिम्मत नहीं हारी।

जैसे-जैसे सही होता गया तो तरह-तरह से पेंसिल और कलम पकड़ने के गुर सीखने लगा। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आई, लेकिन फिर उसकी कलम कापी पर मुंह से ही चलने लगी।

वर्ष 2014 में धर्मवीर ने हाईस्कूल परीक्षा बिना हेल्पर के मुंह से कलम पकड़कर परीक्षा दी तो वो फेल हो गया फिर भी हौसला नहीं टूटा।

इसके बाद फिर से 2015 में हाईस्कूल का फार्म भरा और प्रथम श्रेणी में परीक्षा उत्तीर्ण की। धर्मवीर जैथरा के गांव नगला हारजू निवासी नाना देशराज के यहां रहकर जैथरा के शिक्षण संस्थान से इंटर की परीक्षा दे रहा है। उसकी प्रतिभा और हौसले को देख हर कोई कायल है।

धर्मवीर बताते हैं कि परिवार में सबसे बड़ा हूं। तीन भाई और तीन बहनों की जिम्मेदारी है। इसलिए चाहता हूं कि अपने परिवार का सहारा बन सकूं।

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