घर में रहना है तो छोड़ना पड़ेगा ‘धंधा’

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देह व्यापार करने वाली महिलाओं से संबंधित एक केस पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगर ये महिलाएं हलफनामे के तहत यह काम छोड़ने का आश्वासन देती हैं तब ही उन्हें रहने के लिए मकान मिलेंगे। कोर्ट रेड लाइट एरिया, मीरगंज में अनैतिक देह व्यापार कानून के तहत सेक्स वर्करों के खिलाफ कार्रवाई कर मैजिस्ट्रेट द्वारा उनके मकान को सील किये जाने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही।

देह व्यापार

कोर्ट ने कहा कि सेक्स वर्कर अपने हलफनामे मे कहें कि वे अपने मकान मे सपरिवार रहेंगी और किसी भी दूसरे अन्य व्यक्ति को उसमे नहीं बुलायेंगी। यही नहीं वे अपने मकान का उपयोग रहने के अलावा किसी अन्य काम के लिए नहीं करेंगी।

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने दिया है। अप्रैल 2016 में पुलिस ने देह व्यापार की शिकायत पर नोटिस जारी करते हुए याचियों का पूरा मकान सील कर दिया। एसडीएम के इस आदेश की वैधता को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जब तक दोष साबित नहीं हो जाता तब तक शासन को भवन सील करने का अधिकार नहीं है।

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