दुर्लभ बीमारी से पीड़ित इस बच्ची की लगी लॉटरी, लगा 16 करोड़ का फ्री में इंजेक्शन

यूपी के मेरठ जिले में रहने वाले अभिषेक को जब बेटी की बीमारी के बारे में पता चला तो वह हैरान हो गये। उन्होंने कहा कि वह महज 14 महीने की थी जब उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी को एसएमए है…। अभिषेक कहते हैं कि वह चितिंत थे कि उसके आगे की पूरी जिंदगी पड़ी है।

इस बीमारी में लगने वाला एक सिंगल शॉट इंजेक्शन जोलगेन्स्मा ही उसे बचा सकता था। लेकिन यह दुनिया के सबसे महंगे इंजेक्शनों में से एक है। इसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है। वहीं भारत सरकार इस पर 6 करोड़ रुपए टैक्स लगाती है। भारत में इसकी कीमत आते-आते 22 करोड़ हो जाती है।

मध्यम वर्गीय परिवार के लिए यह नामुमकिन सा था। अभिषेक कहते हैं कि उनके परिवार ने फरवरी में क्राउड फंडिंग का फैसला लिया। हालांकि इस सब के बावजदू वह तीन माह में महज 6 लाख रुपए ही जमा कर पाए। इस बीच उन्हें निजी कंपनी की नौकरी भी छोड़नी पड़ी जिससे वह बेटी के इलाज पर ध्यान दे पाएं। ईशानी अगस्त में 2 साल की हो रही थी। ZOLGENSMA दो साल के उम्र में ही बच्चों को दिया जाता है। इलाज के बिना बोलना, चलना, सांस लेना और निगलने जैसी गतिविधियां भी मुश्किल हो जाती हैं।

परिवार की उम्मीद निराशा में बदल रही थी इसी बीच एक खुशखबरी सामने आई। ईशानी का इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा था। जून के पहले सप्ताह में यह सूचना आई की ईशानी को मुफ्त में दवा मिलेगी। ईशानी को 17 जून को दवा दी गयी औऱ वह अगले 6 माह आइसोलेशन में रहेगी। उन्होंने कहा कि वह एसएमए से लड़ने वाले परिवारों को जुटाई गयी राशि दान कर देंगे।

दरअसल ईशानी का यह इंजेक्शन नोवार्टिस की लॉटरी में नाम आने के बाद लगाया गया। नोवार्टिस ZOLGENSMA की 100 खुराक तक मुफ्ट आवंटित कर रहा है। इसके जरिए बच्चों के नाम चुने जाते हैं।

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