दीपा कर्मकार ने जीता लाखों लोगों का दिल

दीपा कर्मकारअगरतला। भारत की पहली महिला जिमनास्ट दीपा कर्मकार भले ही रियो ओलम्पिक में पदक जीतने से चूक गई हों, लेकिन उन्होंने देश के लोगों के दिल जीत लिया।

दीपा के माता-पिता, दोस्त, रिश्तेदार और प्रशंसकों का कहना है कि उन्होंने रविवार को हुई वॉल्ट स्पर्धा के फाइनल में पहले से बेहतर प्रदर्शन किया।

दीपा कर्मकार के पिता ने जताई खुशी

रियो ओलम्पिक में नया इतिहास रचने वाली जिमनास्ट दीपा के पिता दुलाल कर्मकार ने यहां संवाददाताओं को बताया, “फाइनल में मेरी बेटी का प्रदर्शन शानदार था।”

भारतीय खेल प्राधिकरण में भारोत्तोलन कोच दुलाल ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। वह भारत के छोटे से राज्य त्रिपुरा से निकलकर विश्व के शीर्ष स्तर के जिमनास्टिक इवेंट में गई।

दीपा की मां गौरी देवी ने कहा, “हमारी बेटी 2018 शीतकालीन ओलम्पिक में काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी। वह निश्चित तौर पर स्वर्ण पदक जीतेगी।”

दक्षिण कोरिया को प्योंगचांग में 2018 शीतकालीन ओलम्पिक खेलों का आयोजन होगा।

दीपा के पड़ोसी और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता शंकर प्रसाद दत्ता ने बताया, “हम काफी खुश हैं कि क्वालीफिकेशन में आठवें स्थान से दीपा ने फाइनल में चौथा स्थान हासिल किया।”

लोकसभा के सदस्य दत्ता ने कहा, “हम आश्वस्त हैं कि दीपा अगले ओलम्पिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतेंगी। हम निराश नहीं हैं। आभारी हैं कि वह त्रिपुरा के नाम को विश्व के शीर्ष स्तर के खेल में लेकर गईं।”

दीपा ने पहले प्रयास में 6 डिफिकल्टी और दूसरे प्रयास में सात डिफिकल्टी चुना था।

इस तरह उन्होंने पहले प्रयास में 14.866 और दूसरे प्रयास के लिए 15.266 अंक पाए, जिसका औसत 15.066 बना। दीपा ने अपने दोनों ही प्रयासों में बेहतर प्रदर्शन किया।

त्रिपुरा के खेल मंत्री शाहिद चौधरी ने कहा कि जिमनास्टिक में दीपा की सफलता ने राज्य तथा देश के अन्य भारतीयों को गौरवान्वित किया है।

चौधरी ने आईएएनएस को बताया, “भले ही दीपा ने पदक न जीता हो, लेकिन फाइनल में उनका प्रदर्शन शानदार था। हम काफी खुश हैं। जिस प्रकार से दीपा ने इतिहास रचा है, उससे केवल त्रिपुरा के लोग ही नहीं, बल्कि पूरा देश खुश है।”

दीपा को पिछले साल अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

पिछली बार ओलम्पिक खेलों में भारत ने 1964 में हिस्सा लिया था, लेकिन उस वक्त इस प्रकार की कोई क्वालीफिकेशन प्रक्रिया नहीं थी। अभी तक 11 भारतीय पुरुष जिमनास्ट ओलम्पिक खेलों में हिस्सा ले चुके हैं।

भारत ने 52 साल पहले 1964 में जिमनास्टिक में हिस्सा लिया था।

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