दिवालियापन कानून बैंकों के लिए सकारात्मक : मूडीज

दिवालियापन कानूनचेन्नई| वैश्विक साख रेटिंग एजेंसी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने गुरुवार को कहा कि भारत का दिवालियापन कानून बैंकों को बड़े कर्जदाओं के विरुद्ध शर्त मनवाने की अधिक शक्ति प्रदान करता है। मूडीज ने हालांकि कहा कि नई व्यवस्था के पूर्ण प्रभाव के लिए कुछ अवसंरचनागत बाधाओं से पार पाना होगा।

दिवालियापन कानून

संसद में 11 मई को ऋणशोधन क्षमता और दिवालियापन संहिता-2016 पारित हो गया है और इसे राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा जा चुका है।

मूडीज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी श्रीकांत वदलामनी ने कहा, “संपत्ति समाधान के लिए मौजूदा कमजोर कानूनी ढांचा भारतीय बैंकों के लिए प्रमुख संरचनागत कमजोरी है।”

उन्होंने अपनी रिपोर्ट ‘बैंक-भारत : दिवालियापन कानून भारतीय बैंकों के लिए साख सकारात्मक, लेकिन चुनौती बरकरार’ में कहा, “प्रस्तावित कानून मौजूदा कानूनी ढांचे में मौजूदा कई प्रमुख अक्षमताओं को दूर करता है।”

मूडीज ने हालांकि कहा है कि प्रस्तावित कानून बैंकों के वर्तमान संपत्ति गुणवत्ता मुद्दे का निदान करने में सीमित मदद ही कर सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “खासकर बैंकों के पास अब भी तनावग्रस्त संपत्ति का निदान करने के लिए सीमित सुविधा ही होगी।”

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