दिल्ली में बढ़ रहे वायु प्रदूषण से इतने लोग दिल की बीमारी की चपेट में

दिल्ली। हवा  की गति मंद पड़ने और प्रदूषण कण न बिखर पाने की वजह से दिल्ली-एनसीआर की हवा गुणवत्ता फिर से बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, अगले दो दिन तक ऐसी ही स्थिति रह सकती है। इस हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी समेत एनसीआर की हवा गुणवत्ता खराब स्तर पर ही रही है।

वायु प्रदूषण

सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग (सफर) के मुताबिक, सतह पर हवा की गति 5.3 किलोमीटर प्रति घंटे से घटकर 2.5 किलोमीटर प्रति घंटे रह गई है। हवा की यह गति प्रदूषण कणों को बिखेरने में सक्षम नहीं है। सतह पर कम से कम 4 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा ही प्रदूषण कणों को बिखेरने में सक्षम है।

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सीपीसीबी के मुताबिक, बुधवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 371, गाजियाबाद का 384, ग्रेटर नोएडा का 356, नोएडा का 356, गुरुग्राम का 304, फरीदाबाद का 328 रिकॉर्ड किया गया। 301 से 400 के बीच का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी के वायु प्रदूषण को प्रदर्शित करता है। लंबे समय तक ऐसी हवा के संपर्क में रहने से लोगों को श्वास संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।

दिल्ली में 14 स्थानों पर गंभीर प्रदूषण
सीपीसीबी के मुताबिक, बीते रविवार को हवा की गुणवत्ता गंभीर प्रदूषित रही थी। इसके बाद हवा की गति बढ़ने और मौसम साफ होने से हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ था। इस हफ्ते हवा खराब श्रेणी में ही बनी रही थी। बुधवार को दिल्ली में 14 स्थान गंभीर प्रदूषित रहे और 17 स्थानों की वायु गुणवत्ता खराब रिकॉर्ड की गई।

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हवा में पीएम कण चार गुना
दिल्ली-एनसीआर की हवा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 और 10 का स्तर भी बढ़ गया है। मसलन, पीएम 2.5 का स्तर 250 और पीएम 10 का स्तर 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रिकॉर्ड किया गया। यह मानक से करीब चार गुना ज्यादा है। पीएम 2.5 कणों का सामान्य मानक 60 और पीएम 10 का सामान्य मानक 100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर होता है।

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