दिल्ली में फिर घटा दर्दनाक हदसा, एक महिला की गला रेत कर हत्या, आखिर क्या है हूरा मामला

मध्य दिल्ली के रंजीत नगर में एमबीबीएस महिला डॉक्टर की मंगलवार को गला रेतकर हत्या कर दी गई। उसका शव फ्लैट में खून से लथपथ मिला था। इस हत्या में पुलिस को उसके ही मित्र डॉक्टर चंद्र प्रकाश पर शक था जिसे दिल्ली पुलिस ने दो दिन बाद उत्तराखंड के रुड़की से गिरफ्तार किया है। आगे पढ़िए क्या है पूरा मामला…

दिल्ली

अब पुलिस उसे उत्तराखंड से दिल्ली लाकर इस मामले की पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि महिला डॉक्टर के गले पर किसी धारदार हथियार से कट का निशान मिला था। मृतका की शिनाख्त राजेंद्र नगर, गोरखपुर, यूपी निवासी डॉ. गरिमा मिश्रा (29) के रूप में हुई।

वह दिल्ली में रहकर एमडी के लिए कोचिंग कर रही थी। गरिमा के फ्लैट में रहने वाला उसका दोस्त बहराइच निवासी डॉक्टर चंद्र प्रकाश वर्मा उर्फ सीपी फरार था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर एक टीम को बहराइच रवाना कर दिया था। शुरुआती जांच के बाद प्रेम प्रसंग में हत्या की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि अब चंद्र प्रकाश से पूछताछ के बाद ही ये साफ हो सकेगा कि पूरा मामला क्या है।

डॉ. गरिमा दो दोस्त चंद्र प्रकाश वर्मा उर्फ सीपी और राकेश यादव के साथ 3132, गली नंबर-2, रंजीत नगर में रहती थी। मंगलवार रात करीब 11.00 बजे गरिमा के फोन नहीं उठाने पर दिल्ली के शेख सराय में रहने वाला बुआ का लड़का शिवेंद्र पांडेय गरिमा के फ्लैट पर पहुंचा।

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उसके कमरे का बाहर से ताला बंद था और अंदर पंखा चल रहा था। शक होने पर उसने रोशनदान से झांककर देखा तो खून से लथपथ गरिमा अंदर फर्श पर पड़ी थी। शिवेंद्र ने शोर मचाकर पड़ोसियों को इकट्ठा किया। पुलिस को सूचना देने के बाद दरवाजा तोड़ा गया और कैट्स एंबुलेंस की मदद से गरिमा को लेडी हार्डिंग अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। क्राइम टीम को गरिमा के कमरे से झगड़े के निशान मिले हैं। पुलिस को  साथी डॉक्टर चंद्र प्रकाश पर हत्या का शक है।

गरिमा ने एमडी की तैयारी के लिए छोड़ दी थी नौकरी
चंद्रप्रकाश और गरिमा तीन माह पूर्व करोलबाग स्थित एनसी जोशी अस्पताल में डॉक्टर थे। दोनों ने एमडी की तैयारी के लिए जनवरी में अस्पताल से नौकरी छोड़ दी थी। फिलहाल वे राजेंद्र नगर की भाटिया कोचिंग से एमडी की तैयारी कर रहे थे।  राकेश यादव अपोलो अस्पताल में डॉक्टर है। मकान मालिक गौतम खुराना के मुताबिक, तीनों ने मिलकर दो रूम का फ्लैट किराए पर लिया हुआ था। एक कमरे में गरिमा रहती थी, जबकि दूसरे कमरे में राकेश व चंद्र प्रकाश रहते थे।

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मां का नहीं उठाया था कॉल 
गरिमा के घर जाने से पहले  करीब 8.30 बजे शिवेंद्र पांडेय ने उसे कॉल किया था। लेकिन कई बार फोन करने के बाद भी गरिमा ने फोन नहीं उठा। मां ने भी गरिमा को कॉल किया तो उसने फोन नहीं उठा।  शक होन पर गरिमा की मां ने शिवेंद्र को कॉल कर गरिमा को जाकर देखने के लिए कहा था।

डॉ चंद्र प्रकाश का बंद आ रहा मोबाइल
गरिमा के साथ रहने वाले डॉ राकेश यादव ने बताया कि रात करीब 9.00-9.15 बजे उसने चंद्र प्रकाश को बैग लेकर हड़बड़ाहट में जाते देखा था। इसके बाद से लगातार उसका मोबाइल बंद आ रहा है।  शुरूआती जांच के बाद पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चंद्र प्रकाश ने ही किसी वजह से गरिमा की हत्या की है।

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