दिलीप साहब के साथ हुई ट्रेजडी, जमींदोज हो गई यादें

दिलीप कुमारमुंबई। बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार से जुटी एक बुरी खबर सामने आई है। उनके साथ हादसा हो गया है। सदियों पुराना उनका पुशतैनी मकान ढह गया है।

मकान ढह जाने के पीछे की असली वजह उसकी जरजर हालत थी। अमूमन एक सदी पुराना  पाकिस्‍तान में स्थित उनका यह पुशतैनी मकान बीते दिन ढहा है। पाकिस्‍तान प्रशासन के द्वारा ये घोषणा की गई है किउस जगह ऐसा ही मकान जल्‍द ही बनवाया जाएगा।

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साल 2014 में इस पुश्‍तैनी मकान को पुरातत्‍व विभाग ने राष्‍ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया था। यह पुश्‍तैनी मकान ऐतिहासिक किस्सा ख्वानी बाजार के निकट मोहल्ला खुदा दाद में स्थित है।

सांस्कृतिक विरासत परिषद के महासचिव शकील वहीदुल्ला के मुताबिक मकान का सामने वाला हिस्सा और दरवाजा बचा है। स्‍थानीय लोगों ने मुताबिक ऐतिहासिक स्थल के संरक्षण में लापरवाही की वजह से ऐसा हुआ है। लोगों ने खैबर पख्तूनख्वा सरकार को इस बात के लिए दोशी ठहराया है।

असल में दिलीप कुमार का जन्म पाकिस्‍तान के पेशावर में हुआ था। इसलिए उनका पुश्‍तैनी मकान वहां स्थित है। साल 1922 में दिलीप के जन्‍म के बाद उनके पिता 1930 भारत आ गए थे। उसके बाद उनका परिवार भारत में ही बस गया था।

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दिलीप कुमार 94 साल के हो चुके हैं। बॉलीवुड में उनका नाम स्‍वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है। उनका नाम बॉलीवुड के लेजेन्‍ड्री स्‍टार्स में से एक है। ‘देवदास’, ‘मुघल-ए-आजम’, ‘राम और श्‍याम’, ‘मधुमति’ जैसी अनगिनत यादगार फिल्‍में हैं जिनकी तारीफों के लिए शब्‍द भी नहीं हैं।

दिलीप कुमार 8 बार फिल्म फेयर के बेस्ट एक्टर अवार्ड से नवाजे जा चुका हैं। साल 1995 में उन्हें दादा साहब फाल्के अवार्ड से नवाजा जा चुका है। इतना ही नहीं साल 1998 में उन्‍हें पाकिस्तान का सम्मानित अवार्ड ‘निशान-ए-इम्तियाज’ से भी नवाजा गया था।

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