दिन भर होती है थकान? तो ये दिखाते हैं इन बिमारियों के लक्षण !…

आप जो रात में कुछ ही घंटे सो पाते हैं. फिर दिन भर ऑफिस में सिर खपाते हैं. घर आकर घरवालों को संभालना  हैं. अगर ये नहीं भी करते तो भी बहुत थका हुआ महसूस होता है.

न जाने क्यों? ऐसा इसलिए क्योंकि आप एक बीमारी से जूझ रहे हैं. और आपको इसका पता भी नहीं है. इसीलिए इस बीमारी को ‘इंविज़िबल इलनेस’ कहा जाता है. यानी वो बीमारी जो ऊपरी तौर पर दिखाई नहीं देती.

हां, इस बीमारी का डॉक्टरी नाम भी है. क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम. पता है दिक्कत क्या है?  खास कर ये औरतों में ज्यादा होता है. औरतें अपनी थकान को सीरियसली नहीं लेती. न ही कोई और लेता है. थके ही तो हैं. क्या फ़र्क पड़ता है. ज़िंदगी है.

मेहनत तो करनी पड़ेगी. यही सोच आपको दो मिनट रुककर अपने बारे में सोचने नहीं देती. हेल्थ नाम की एक वेबसाइट के मुताबिक, क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम औरतों को पुरुषों के मुकाबले ज़्यादा होता है.

तो क्या होता है क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम? ये जानने के लिए हमने बात की डॉक्टर बिनीता महेन्द्रू से. वो मुंबई में एक जनरल फिजीशियन हैं.

 

क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम आखिर है क्या बला?

‘इंविज़िबल इलनेस’ की कैटिगरी में आने वाली बीमारियां आप पर थोड़ा अलग तरीके से असर करती हैं. यानी इनका असर ऊपरी तौर पर हमेशा साफ़ नहीं दिखता. पर हां, ये आपके लाइफस्टाइल को बहुत चोट पहुंचाती हैं. आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी पर असर डालती है. आप ऊपरी तौर से ठीक लगेंगी पर होंगी नहीं.

 

डॉक्टर महेन्द्रू कहती हैं:

“क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम का मतलब हुआ बहुत ज़्यादा थका हुआ महसूस करना. आप चाहे जितना रेस्ट कर लें, फिर भी थकान दूर होने का नाम नहीं लेती. ये एक मेडिकल कंडीशन है. असल में कई डॉक्टर इसे कोई बीमारी नहीं मानते. पर ये अलग-अलग लोगों पर अलग-अलग तरीके से असर करती है.”

क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम का मतलब हुआ बहुत ज़्यादा थका हुआ महसूस करना.

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क्यों होता है क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम?

इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं:

– कोई वाइरस

– कमज़ोर इम्यून सिस्टम

– स्ट्रेस

– हॉर्मोन्स में उथल-पुथल क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम ज़्यादातर 40 और 50 की उम्र पार कर चुके लोगों में होता है.

 

क्रोनिक फ़टीग सिंड्रोम के क्या लक्षण हैं?

– पूरी नींद सोने के बाद भी थकान महसूस करना

– रात में नींद न आना

– हर दिन बहुत थका हुआ महसूस करना. इतना कि आप रोज़ के काम भी बड़ी मुश्किल से कर पाती हैं. ऐसा महीनों तक लगातार होता रहे.

– कुछ दिमागी वाला काम करने के बाद भी बहुत थकान होना. ऐसा अगले 24 घंटे तक महसूस करते रहना.

– फोकस न कर पाना

– याददाश्त कमज़ोर होना

– लेटने या बैठने के बाद खड़े होते समय हल्का चक्कर महसूस होना

– मांसपेशियों में दर्द होना

– सिर में दर्द रहना

– जोड़ों में दर्द रहना

– गला लगातार ख़राब रहना

 

अगर आप लंबे समय से ऐसे लक्षण महसूस कर रहे हैं तो नजरअंदाज मत करें. डॉक्टर को दिखाइये और जरूरी टेस्ट करवाइए.

 

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