तीन तलाक बिल पास पर भाजपा में दरार! रद्द होगी सदस्यता या फिर इस तरह चलेगी पार्टी

नई दिल्ली। ट्रिपल तलाक मामले में इंसाफ और महिलाओं के हित की बात करते हुए भाजपा ने बीते दिन लोकसभा में बहुमत के आधार पर बिल पास तो करा लिया।

लेकिन सदन से गायब होकर भाजपा के तीस विधायकों ने शीर्ष नेतृत्व को नाराजगी और झटका दोनों एक साथ दिया है। बता दें इस बिल को पास कराने के लिए सत्ता पक्ष यानी भाजपा और विपक्ष के तौर पर कांग्रेस ने अपने-अपने विधायकों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद भाजपा विधायकों का नदारद होना कहीं न कहीं पार्टी में पनप रही बगावत की ओर इशारा दे रहा है।

फिलहाल इस मामले पर भाजपा के चीफ व्हिप अनुराग ठाकुर ने बताया कि गायब होने वाले कुछ विधायकों ने तो उन्हें अनुपस्थित होने की जानकारी पहले दे दी थी, लेकिन अन्य सदस्य जो गैरहाजिर रहे उनकी जानकारी जुटाई जा रही है।

अब सवाल यह उठता है कि ऐसे में नादारद रहे भाजपा विधायकों के प्रति पार्टी का रवैया कैसा रहता है? क्या उनकी बगावत के पीछे के कारण को ढूंढ कर उनके साथ बातचीत कर गिले-शिकवे दूर किये जाएंगे? या गायब होने की वजह से सभी की सदस्यता पर आंच आएगी?

बता दें व्हिप का उल्लंघन दल बदल विरोधी अधिनियम के तहत माना जा सकता है और सदस्यता रद्द कर दी जा सकती है।

व्हिप तीन तरह का होता है- एक लाइन का व्हिप। दो पंक्ति की व्हिप और तीन लाइन का व्हिप।

इन तीनों में तीन लाइन वाले व्हिप को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तीनों में सबसे कठोर है। इसका उपयोग अविश्वास प्रस्ताव जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे के दौरान किया जाता है। इसके उल्लंघन करने वाले की सदस्यता समाप्त हो जाती है।

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हालांकि सही मायनों में देखा जाए तो व्हिप लोकतंत्र की भावनाओं के बिलकुल उलट होता है। कारण है कि इसमें एक तरफ़ा फैसला थोपा जाता है। यानी सदस्य को पार्टी की इच्छा के अनुरूप ही काम करना होता है। इसमें सदस्य की सहमती या असहमति के लिए कोई प्रावधान नहीं है।

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