जेटली की पोटली ने कांग्रेस की शिकस्त पर लहराया जीत का परचम, नहीं रहेगा कोई बेरोजगार

ड्रीम प्रोजेक्टनई दिल्ली। यूपीए सरकार अपने शासनकाल में जिस योजना को लेकर चौतरफा आलोचना का शिकार हुई थी, जो उसका ड्रीम प्रोजेक्ट था। बुधवार को पेश किये गये बजट में मोदी सरकार ने उसी को भुनाने की कोशिश की। इसके लिए केंद्र सरकार ने सरकारी खजाने का मुंह खोल दिया है। दरअसल वित्तमंत्री अरुण जेटली ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 48 हजार करोड़ रुपये आबंटित किये हैं।

जेटली ने बजट पेश करते हुए कहा कि 2016-17 में मनरेगा के लिए आबंटित 37 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 48 हजार करोड़ रुपये किया जाता है। बता दें कि पूर्व में लोकसभा में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूपीए सरकार की विफलताओं के लिए मनरेगा को ही जिम्मेदार ठहराया था। वहीं वित्‍त मंत्री ने कहा कि मनरेगा के लिए यह किसी भी सरकार द्वारा आवंटित की गई सर्वाधिक राशि है।

साल 2017-18 का बजट पेश करते हुए जेटली ने बताया कि मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 45 से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गई है। साथ ही साथ यह भी बताया कि मनरेगा के क्रियान्‍वयन की निगरानी के लिए स्‍पेस तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा।

साल 2015 में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण के जवाब में पीएम मोदी ने मनरेगा पर हमला बोलते हुए कहा था कि आप मनरेगा बंद कर देंगे या आपने मनरेगा बंद कर दिया। बाकी विषयों पर मेरी क्षमताओं पर संदेह होगा। लेकिन एक बात तो आप भी मानते होंगे कि मेरी राजनीतिक सूझबूझ तो है।

मोदी ने आगे कहा कि मेरी राजनीतिक सूझबूझ तो यही कहती है कि मनरेगा को कभी बंद मत करो। क्‍योंकि मनरेगा आपकी विफलताओं को जीता जागता स्‍मारक है। आजादी के 60 साल बाद आपने लोगों से गड्ढ़े खुदवाए यही आपकी विफलताओं का स्मारक है और मैं गाजे-बाजे के साथ इस विफलता का ढोल पीटता रहुंगा।

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