यमन में हवाई हमले के बाद डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स ने कर्मचारी हटाए

डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्ससना | डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स (एमएसएफ) ने यमन के छह अस्पतालों में कार्यरत अपने कर्मचारियों को वापस बुलाने का फैसला लिया है। समूह ने कहा कि यह फैसला सऊदी अरब के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं पर हुए ताजा हवाई हमले के बाद लिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा सहायता समूह ने गुरुवार को ट्वीट किया कि उत्तरी यमन के सादा और हज्जाह के छह अस्पतालों से एमएसएफ अपने प्रसूति, बाल रोग विशेषज्ञ, सर्जन और आपातकालीन कक्ष विशेषज्ञों को हटाने जा रहा है।

डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स कर्मचारी की मौत हुई है

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक , एमएसएफ ने कहा, ” सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन (एसएलसी)के इस बयान से एमएसएफ न तो संतुष्ट है और न ही आश्वस्त कि हमला गलती से हुआ।” एमएसएफ ने हज्जाह प्रांत में एबीएस अस्पताल पर सोमवार को हुई हवाई बमबारी की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें कम से कम 20 मरीज और एक एमएसएफ कर्मचारी की मौत हुई है।

एसएलसी ने मार्च 2015 में यमन में हुए संघर्ष में हस्तक्षेप किया था। इसके बाद जमीनी और हवाई हमलों में 6,400 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। इनमें अधिकांश आम नागरिक हैं। उत्तरी यमन में सोमवार को एमएसएफ संचालित अस्पतालों पर यह चौथा हमला था।

विद्रोही हौथी नियंत्रित आधिकारिक समाचार एजेंसी सबा के मुताबिक, राजधानी सना और उत्तरी यमन के शहरों में बीते 24 घंटों में 95 हवाई हमले किए गए। इससे ज्यादातर आवासीय और सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान हुआ है।

एसएलसी शिया हौथी विद्रोहियों के खिलाफ राष्ट्रपति अब्द-रब्बु मंसूर हादी की निर्वासित सरकार का समर्थन करती है। हौथी विद्रोहियों को पूर्व राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह के वफादार सैनिकों का समर्थन हासिल है।

यमन के प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच कुवैत में संयुक्त राष्ट्र की पहल पर हफ्ता भर पहले शांति वार्ता हुई लेकिन यह असफल रही। इसके बाद गठबंधन सेना ने अपने बमबारी अभियान को बढ़ा दिया है।

LIVE TV