डीजीपी को सौंपी गई कैराना की रिपोर्ट

कैरानालखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शामली के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी ने कैराना में 346 परिवारों के कस्बे से पलायन पर अपनी जांच रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद को सौंप दी। अभी कुछ दिन पहले भाजपा के सांसद हुकुम सिंह ने 346 ऐसे परिवारों की सूची पेश की थी। उनका कहना था कि दूसरे धर्म के लोगों की दादागीरी और रंगदारी वसूले जाने के बाद बहुत से हिंदू परिवारों ने शामली छोड़ दिया है और दूसरे स्थानों पर जाकर रह रहे हैं।

कैराना ग्रामीणों में दहशत है

उन्होंने आरोप लगाया था कि ग्रामीणों में दहशत है इसी लिए अपना घर खेती और संपत्ति छोड़कर दूसरे स्थानों पर जाने को विवश है। इसके बाद डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह ने शामली के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारी से गांव में पलायन वाली सूची का सत्यापन कर जल्द से जल्द रिपोर्ट शासन को सौंपने को कहा था। सूची के नामों का सत्यापन के बाद अब रिपेार्ट डीजीपी को सौंप दी गई है।

आईजी (कानून व्यवस्था) हरीराम शर्मा ने बताया कि हुकुम सिंह ने जो 346 लोगों की सूची दी थी, उसका गांवों और कस्बे में नामों का सत्यापन कराया गया, इसमें 166 परिवार दस साल पहले से ही रोजी रोटी की तलाश में कैराना से बाहर चले गए थे। 188 परिवार चार से पांच साल के बीच रोजीरोटी की तलाश में गए और 60 परिवार तीन साल के भीतर गए।

उन्होंने बताया कि जो पलायन करने वाले परिवारों की सूची पेश की गई थी, जांच में पाया गया कि उनमें 28 परिवार गांव में ही मौजूद थे। चार परिवारों का कोई अता-पता नहीं मिला। वहीं 17 नाम ऐसे थे, जिनकी बहुत पहले ही मौत हो चुकी थी। सात लोगों के नाम दो-दो बार लिखे गए थे। तीन परिवार एक साल पहले पानीपत गए हैं। इनके परिवार में किसी सदस्य का कत्ल हो गया था, जिसके बाद वह लोग पानीपत चले गए।

आईजी ने कहा कि कस्बे में रह रहे लोग आपस में मिलजुलकर रह रहे हैं। उनमें दूसरे धर्म के लोगों के प्रति कोई खौफ नहीं है। पलायन की बात आधा सच और आधा फसाना है। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट के बाद सरकार आगे निर्णय लेगी।

LIVE TV