डिफॉल्टरों के करोड़ों रुपए 28 बैंको ने किये माफ

एजेंसी/loan-default_505_021213075816नई दिल्ली : 2013-15 के वितीय वर्ष में 28 बैंको ने कर्ज न चुकाने वाले डिफॉल्टरों के 1.14 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिए। इस खबर के सामने आने के बाद से ये सवाल उठ रहा है कि आखिर यह फैसला किसने लिया। एक आरटीआई कार्यकर्ता ने जब बैंकों से इस मामले में जवाब मांगा, तो बैंक का कहना था कि ये सीक्रेट है।

कुछ बैंको ने इससे जुड़े पैनल का हवाला दे दिया। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने जवाब दिया कि लोन से संबंधित कमेटी इस बारे में अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेती है, लेकिन बैंक ने यह स्पष्ट नहीं किया कि विवेक के आधार का तात्पर्य क्या है।

बैंक ने यह भी नहीं बताया कि ऐसे मामलों के लिए जो कमेटी है, वो स्थायी है या फिर अलग-अलग मामलों के लिए अलग-अलग कमेटी बनाई जाती है। बैंक ऑफ इंडिया ने कुल 41,361 करोड़ की राशि माफ की है। आरटीआई के जवाब में बैंक ने जवाब दिया कि यह लोन की राशि पर तय किया जाता है कि इसका फैसला कौन करेगा।

आईडीबीआई ने जवाब देने से इंकार करते हुए कहा कि ऐसी जानकारियां गोपनीय होती है, क्यों कि यह आंतरिक उद्देश्यों के लिए होती है। इस पर आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर केसी चक्रवर्ती का कहना है कि डिफॉल्टरों के लोन माफ करना एक बहुत बड़ा घोटाला है। लोन माफ करने के नियमों को लेकर कन्फ्युजन फैलाया जा रहा है। ऐसी कोई पॉलिसी या नियम नहीं है।

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