डाक सड़क बनाने के लिए नेपाल की मदद करेगा भारत

डाक सड़कनई दिल्ली| देश के पूर्वोत्तर के सुदूर इलाकों में सड़क संपर्क में सुधार की जिम्मेदारी हाथ में लेने के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) अब भारत से सटे नेपाल के तराई क्षेत्र में करीब 600 किलोमीटर डाक सड़क का निर्माण करने जा रहा है।

डाक सड़क, डाक परिवहन के लिए निíदष्ट होती है। भारत और नेपाल के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार ठेकेदारों की वजह से नेपाल सरकार का इस तरह का प्रयास साल 2010 में विफल होने के बाद यह निर्णय किया गया।

एनएचआईडीसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “नेपाल के तराई क्षेत्र में डाक सड़क से देश की बहुप्रतिक्षित सड़क नेटवर्क को बढ़ावा मिलेगा। इस वर्तमान परियोजना के तहत एनएचआईडीसीएल करीब 600 किलोमीटर लंबी 19 डाक सड़कों के निर्माण को निर्देशित करेगा।” उन्होंने कहा कि तराई क्षेत्र के विभिन्न भागों में 19 डाक सड़कें बनाई जानी हैं।

अधिकारी ने कहा, “पूरी परियोजना में मूलत: हम सलाहकार की भूमिका निभाएंगे। सड़क निर्माण के लिए बोली और सभी निविदाएं जारी करने का काम नेपाल करेगा। हमारा काम मूल रूप से यह देखना होगा कि यह परियोजना पहले वाली की तरह विफल नहीं हो।”

अधिकारी के अनुसार नेपाली प्रधानमंत्री के.पी.ओली के हाल में हुए भारत दौरे के दौरान सड़क निर्माण परियोजना के निर्देशन का काम सौंपने का फैसला किया गया था।

विदेश मंत्रालय में संयुक्त संयुक्त सचिव अभय ठाकुर ने भी आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा कि नेपाल सरकार के सामने प्रस्ताव रखा गया है कि डाक सड़क परियोजना के लिए एनएचआईडीसीएल को सलाहकार बनाया जाए। इस सिलसिले में एनएचआईडीसीएल और नेपाल सरकार के बीच विशिष्ट समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर अगले हफ्ते होगा। बाकी बातें तय की जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि डाक सड़क परियोजना के लिए भारत और नेपाल, दोनों देशों के ठेकेदार बोली लगा सकते हैं।

एनएचआईडीसीएल के अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि 600 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण केवल पहले चरण के लिए है। बचे कामों के लिए भी दोनों देश कार्यक्रम तय करेंगे।

अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना का वित्तपोषण भारत करेगा। भारत काम के विभिन्न चरणों के क्रियान्वयन के लिए नेपाल को धन देगा जिसकी एनएचआईडीसीएल अनदेखी करेगा।

सूत्रों के अनुसार तराई क्षेत्र में प्रथम चरण में सड़क निर्माण की अनुमानित लागत 7 अरब रुपये बढ़कर 9 अरब रुपये हो गई है। परियोजना की कुल लागत भी पहले की अनुमानित लागत 29 अरब रुपये से बढ़ जाएगी। 600 किलोमीटर लंबी सड़क के साथ 130 सेतु भी बनाना है।

यह पूछने पर कि एनएचआईडीसीएल को कोई अन्य विदेशी परियोजना भी मिली है, अधिकारी ने कहा कि अभी तत्काल कोई विदेशी परियोजना नहीं है।

एनएचआईडीसीएल की स्थापना 2014 में हुई थी और इसे पूर्वोत्तर और जम्मू एवं कश्मीर में 4000 किलोमीटर सड़क निर्माण का दायित्व सौंपा गया। इस संगठन की स्थापना तब की गई है जब सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और राज्यों के लोक निर्माण विभाग कई सुदूर पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य करने में विफल रहे।

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