डांस टीचर आशीष को वेतन न मिलने पर आत्महत्या की घटना से सहमा शिक्षा जगत

 दीवान पब्लिक स्कूल इंटरनेशनल के डांस टीचर आशीष को वेतन न मिलने पर आत्महत्या की घटना से शिक्षा जगत सहम गया है। स्कूल को फीस न मिलने और शिक्षकों को वेतन न दिए जाने से इस तरह की और भी घटना की आशंका जता रहे हैं। स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों के बीच की कड़ी शिक्षक समाज इस घटना से आहत होने के साथ ही अभिभावकों और प्रबंधकों से इस ओर ध्यान देकर कोई सार्थक पहल की अपील कर रहे हैं।

खराब स्थिति की तस्वीर

मेरठ स्कूल सहोदय काम्प्लेक्स के सचिव राहुल केसरवानी ने कहा कि यह घटना स्कूल व शिक्षकों की खराब स्थिति की तस्वीर है। अधिकतर ऐसे अभिभावक जो सही मायने में जरूरतमंद थे, वे स्कूलों से मिलकर किस्तों में फीस देना शुरू भी कर दिया है, लेकिन जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं वे कुछ नेताओं के चक्कर में पड़कर फीस भी नहीं दे रहे और स्कूल विरोधी गतिविधियों में भी शामिल हो रहे हैं। हर कोई चार जुलाई के आदेश का हवाला देता है, जिसमें फीस न देने पर बच्चों के नाम न काटे जाने का आदेश है। इनके फीस न देने से ही स्कूलों की स्थिति अधिक खराब हुई है।

अब बढऩे लगी कठिनाई

द गुरुकुलम इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर प्रिंसिपल कंवलजीत सिंह ने बताया कि स्कूल में 90 फीसद अभिभावकों ने एक भी महीने की फीस जमा नहीं की है, जबकि आधे से अधिक लोग पूरी तरह से सक्षम हैं। स्कूल प्रबंधन ने जून तक सभी शिक्षकों व कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया, लेकिन फीस वसूली लगभग शून्य होने से जुलाई से वेतन नहीं दिया जा सका है। शहर के कुछ स्कूलों ने शुरुआती तीन महीने शिक्षकों-कर्मचारियों को पूरा या आंशिक वेतन दिया है, लेकिन जुलाई के बाद की स्थिति बिगडऩे लगी है। अधिकतर स्कूलों ने वेतन न दे पाने की स्थिति में खेल, संगीत, नृत्य जैसे विषयों के शिक्षकों को कार्यमुक्त भी कर दिया है।

यूपी बोर्ड के स्कूलों की भी स्थिति है खराब

यूपी बोर्ड के माध्यमिक स्कूलों में अधिक फीस नहीं है, फिर भी वहां अभिभावक फीस जमा नहीं करा रहे हैं। उत्तर प्रदेश वित्त विहीन शिक्षक महासभा के पदाधिकारी मनोज शर्मा के अनुसार उनके स्कूल में कक्षा आठवीं तक 90 फीसद अभिभावकों ने अप्रैल से अब तक कोई फीस जमा नहीं कराई है। कक्षा नौवीं से 12वीं तक 60 फीसद बच्चों ने ही रजिस्ट्रेशन या बोर्ड परीक्षा फीस जमा कराई है। सेठ बीके माहेश्वरी बालिका इंटर कॉलेज की वरिष्ठ शिक्षिका अलका शर्मा के अनुसार स्कूलों को फीस मिलने की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो आगे भी ऐसी घटना घट सकती है। अभिभावकों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए कि शिक्षक भी आम इंसान हैं और उनकी भी जरूरतें हैं। समाज के हर वर्ग को उनका सहयोग करते हुए फीस जमा करनी चाहिए।

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