डर में जी रहे हैं इस गांव के मुस्लिम, बोले- मोदी जीते छोड़ना पड़ेगा सबकुछ

नई दिल्ली। यूपी के बुलंदशहर जिले के नयाबांस गांव के रहने वाले मुसलमानों का कहना है कि अब इस गांव में हिन्दू-मुस्लिम आपस में बात नहीं करते हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बुलंदशहर के इस गांव में रहने वाले मुसलमानों का कहना है कि पहले ऐसा नहीं था और मुस्लिमों के बच्चे भी हिन्दू बच्चों के साथ खेला करते थे। कहना है कि बीते 2 सालों में दोनों समुदाय के बीच ध्रुवीकरण इतना बढ़ गया है कि कई यहां से निकलने की सोच रहे हैं।

न्यूज एजेंसी से बातचीत में कई मुसलमानों ने कहा कि अगर बीजेपी दूसरी बार जीतती है और नरेंद्र मोदी की सरकार आती है तो उन्हें लगता है कि तनाव और बढ़ेगा। दुकानदार गुलफाम अली ने कहा कि पहले चीजें काफी अच्छी थीं, मुस्लिम-हिन्दू अच्छे और बुरे वक्त में साथ रहा करते थे, लेकिन मोदी और योगी ने सब गड़बड़ कर दिया है। हम इस जगह को छोड़ना चाहते हैं, लेकिन असल में ऐसा नहीं कर सकते।

जानकारी के मुताबिक, पिछले साल के आखिर में बुलंदशहर के इसी इलाके में हिन्दुओं ने शिकायत की थी कि उन्होंने कुछ मुस्लिमों को गाय काटते देखा है। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने एक पुलिस अफसर की हत्या कर दी थी।

4000 से अधिक की आबादी वाले नयाबांस गांव में करीब 400 मुस्लिम रहते हैं, लेकिन 5 महीने पहले की हिंसा की घटना से वे आजतक नहीं उबर पाए हैं। बीजेपी के एक प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल कहते हैं कि उनकी सरकार के कार्यकाल में कोई दंगे नहीं हुए। आपराधिक घटना को हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे के रूप में देखने को भी वे गलत बताते हैं।

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इसी गांव में 1977 में मस्जिद बनाने की कोशिश में दंगे भड़क उठे थे जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन गांव वालों का कहना है कि इसके बाद अगले 40 सालों तक लोग सामंजस्य के साथ रहते आए थे। अब फिर से हालात बदल रहे हैं।

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