लाइफ से हो गये हैं बोर तो Taste The Thunder, ये हैं भारत के सबसे खतरनाक पांच ट्रैकिंग रूट
मौसम चाहे कोई भी हो हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती हमेशा बरकरार रहती है. यहां दूर-दूर से टूरिस्ट आते हैं और अपनी लाइफ के पलों एन्जॉय करते हैं. हिमाचल में घूमने लायक जगहें हैं. लेकिन यह जगह ट्रैकिंग के लिए भी बहुत मशहूर है. ट्रैकिंग का अपना ही अलग मजा है. ट्रैकिंग के लिए हिमाचल प्रदेश से बेहतर कोई जगह नहीं है. हिमाचल प्रदेश के 5 रास्ते जो ट्रैकिंग के लिए बेहद मशहूर है.
ट्रैकिंग के लिए हिमाचल की रूट लिस्ट
रिओ पुरगयिल पर्वत
हिमाचल प्रदेश का सबसे ऊंचा ट्रैकिंग रूट है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 6816 मीटर है. यह पर्वत हिमाचल प्रदेश और तिब्बत की सीमा पर स्थित है. ट्रैकिंग के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है. इसकी शुरुआत किन्नौर जिले केनाको गांव से होती है.
त्रिउंड ग्लेशियर
यहाँ की खूबसूरत वादियों में ट्रैकिंग करने का अपना अलग ही मजा है. यहाँ ट्रैकिंग का मजा लेने विदेशी लोग ज्यादा आते हैं. यहां ट्रैकिंग करते समय आप हिरण, पहाड़ी बकरी और बर्फीली पक्षियों को आसानी से देख सकते हैं. इस रूट की कुल दूरी 6.6 किलोमीटर बताई जाती है.
किन्नौर कैलाश पर्वत
पांच हजार से आठ हजार मीटर ऊंची पर्वत चोटियों से घिरी किन्नौर घाटी स्वर्ग से कम नहीं है. यह स्थान हिन्दुओं के लिए एक धार्मिक स्थान भी है. इस पर्वत की ऊंचाई 6349 मीटर है. इस पर ट्रैकिंग करने की शुरुआत सांगला से थांगी जाकर होती है.
चन्द्रतल ट्रैक
इस ट्रैक पर सबसे सुन्दर झील है. यह खूबसूरत झील अर्धचंद्र की तरह दिखती है. यहां का पानी इतना साफ और स्वच्छ है कि आप इसमें अपना चेहरा देख सकते हैं. यहाँ जाने का अच्छा समय जुलाई से सितम्बर तक माना जाता है.
पिन पार्वती
यह हिमाचल की वादियों का सबसे खूबसूरत रास्ता माना जाता है. यह रास्ता पार्वती वैली से शुरू होता है और स्पिति के पिन वैली पहुंचकर खत्म होता है. इस ट्रेक की पूरी लम्बाई 110 किलोमीटर है. समुद्र तल से ऊंचाई 17,500 फीट है.